लॉकडाउन के बाद तमाम सरकारी एवं प्रायवेट संस्थानों में वर्क टू होम का प्रचलन बड़ा है। ऐसे में जहां तमाम संस्थानों के काम नहीं रूके है , वहीं कर्मचारियों को भी यह फार्मेट अच्छा और सुविधाजनक लगा है। घर परिवार के बीच पूरा समय गुजारते हुए काम करने से जहां लोगों को थकान का अहसास नहीं हो रहा है वहीं बहुत से लोगों का कहना है कि इससे काम का बोझ भी कम होता दिखा है। इस फार्मेट से घर और ऑफिस दोनों के कामों में लोगों को सुविधा हुई है।
50 प्रतिशत काम संभव: सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री आरपी त्रिपाठी का कहना है कि वर्तमान में विभाग 50 प्रतिशत काम आसानी से घर से कर सकता है। कम्प्यूटर का चलन होने के बाद से लगातार काम ऑनलाइन होने से बहुत सी चीजें अब कम्प्यूटर में है। ऐसे में तमाम जानकारियों आगे बढ़ाना, उनमें संसोधन करना आसान है। ऐसे में यह सब काम घर से किया जा सकते है। फील्ड के काम को कैसे भी नहीं रोका जा सकता है। उनका कहना है कि टोटल लॉकडाउन के समय तो कोई काम नहीं हुआ था, लेकिन जब 30 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम शुरू हुआ तो कुछ लोगों से घर से काम कराया गया है। ऐसे में कोई समस्या नहीं हुई है।
ई-फायलिंग से होगी आसानी: वहीं उनका कहना है कि यदि विभाग में ई-फायलिंग की सुविधा हो जाती है तो और अधिक काम घरों से कराया जा सकता है। अभी पुरान रिकार्ड ऑन लाइन नहीं है। जब नए काम स्वीकृत होते है तो कई बार पुराने कार्यों की जानकारी भी एकत्रित करनी पड़ती है। उस समय सभी को ऑफिस होना जरूरी है। क्यों कि कुछ काम किसी सेक्शन का है तो कुछ किसी का। जब यह सब काम ऑनलाइन हो जाएगा तो इसमें आसानी होगी।
जरूरी है स्वाइन नेटवर्क: वहीं जिला कोषालय विभाग की माने तो वर्क फ्रॉम होम के लिए हर कर्मचारी के घर में स्वाइन नेटवर्क का कनेक्शन जरूरी होगा। क्यों कि यह सब काम दूसरी नेटवर्किंग साइट पर संभव नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से यह सब काम सरकारी नेटवर्क स्वाइन के माध्यम से किया जा सकता है।