लगभग चार साल पूर्व लोक निर्माण विभाग द्वारा टीकमगढ़-सागर बायपास का निर्माण शुरू किया गया था। ग्राम अनगढ़ा के बाद से यहां पर वन भूमि लगी हुई थी। यहां पर बायपास के लिए 2.71 हैक्टेयर वन भूमि से सड़क डाली जानी थी। इसके लिए लोक निर्माण विभाग एनओसी के लिए प्रयास कर रहा था। इस बायपास के लिए प्रशासन ने भी वन विभाग को 2.71 हैक्टेयर जमीन आवंटित कर दी थी। वहीं दिल्ली से प्रदूषण बोर्ड ने भी अपनी एनओसी दे दी थी। इस वन भूमि पर आने वाले पेड़ों की कटाई और शेष वन परिक्षेत्र की सुरक्षा के लिए फेंसिंग आदि के लिए भी लोक निर्माण विभाग द्वारा 72 लाख रुपए की राशि वन विभाग को दी गई थी। यह पूरी प्रक्रिया हुए लगभग एक माह का समय हो चुका था। इसके बाद भी वन विभाग द्वारा एनओसी जारी नहीं की जा रही थी। ऐसे में यह काम अटका हुआ था।
खबर के बाद जागा विभाग
विकास कार्य में चल रही लेतलाही को लेकर पत्रिका ने 28 जुलाई के अंक में सिद्धांतिक स्वीकृति के बाद भी अटका दी एनओसी, शीर्षक से खबर का प्रमुखता से प्रकाशन किया था। खबर प्रकाशन के बाद इस मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया तो वन विभाग ने भी उसी दिन एनओसी जारी कर दी थी। डीएफओ महेन्द्र प्रताप सिंह ने लोक निर्माण विभाग को पत्र जारी कर काम शुरू कराने के निर्देश दिए है। एनओसी जारी होते ही गुरुवार को ठेकेदार की मशीनों ने काम भी शुरू कर दिया। विदित हो कि बायपास के निर्माण के बाद से शहर की सड़कों पर भारी वाहनों का लोड काफी कम हो जाएगा।