scriptRRR की असली कहानी क्या है?… निजाम और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने वाले असली हीरो सीताराम राजू और कोमाराम भीम कौन थे? | who were alluri sitarama raju and komaram bheem the real life heroes | Patrika News

RRR की असली कहानी क्या है?… निजाम और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने वाले असली हीरो सीताराम राजू और कोमाराम भीम कौन थे?

locationनई दिल्लीPublished: Mar 30, 2022 03:42:47 pm

Submitted by:

Sneha Patsariya

साउथ सिनेमा के दो बड़े सितारे राम चरण और जूनियर एनटीआर फिल्म आरआरआर के लीड में हैं। फिल्म में जहां राम चरण ने स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू का रोल किया है वहीं अपने एक्शन के लिए मशहूर जूनियर एनटीआर कोमाराम भीम के कैरेक्टर में हैं।

ntr.jpg
इस साल के सफलतम फिल्मों में से एक एसएस राजामौली द्वारा निर्देशित साउथ की फिल्म राईज रोअर रिवॉल्ट (RRR) 25 मार्च को रिलीज हो गई और जबरदस्त कमाई कर रही है। यह फिल्म 400 करोड़ की कमाई का आंकड़ा पार कर चुकी है। फिल्म में राम चरण और जूनियर एनटीआर ने प्रमुख भूमिका निभाई है। कहा जाता है कि यह फिल्म रियल लाइफ के दो हीरो पर आधारित, जिन्होंने ब्रिटिश हुकुमत के दौरान अंग्रेजों के नाको-चने चबवा दिए थे। निर्देशक राजामौली का कहना है कि प्रसिद्ध क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म को फिक्शनल रूप दिया गया है।
उनका कहना है कि इन क्रांतिकारियों के जीवन के बारे में बहुत अधिक ज्ञात नहीं है, लेकिन इस काल्पनिक कहानी के जरिए ये दिखाने का प्रयास किया गया है कि उनके जीवन में क्या हुआ था और अगर दोनों एक साथ मिल गए होते तो क्या होता।
सीताराम राजू और कोमाराम भीम कौन?
सीताराम राजू का जन्म 1897 में विशाखापटनम में हुआ था। जबकि कोमाराम भीम ने 1900 ईस्वी में आदिलाबाद के संकेपल्ली में अपनी आंखें खोली थीं। सीताराम अंग्रेजों के अत्याचारों का दंश देखते हुए बड़े हुए। वहीं कोमाराम ने अंग्रेजों की बर्बरता झेली। दोनों छोटी उम्र से ही वो अत्याचार के खिलाफ लड़ना चाहते थे। बड़े होने पर कोमाराम ने कुछ आदिवासी साथियों को एकत्र किया और हैदराबाद की आजादी के लिए विद्रोह छेड़ दिया। वो गोरिल्ला युद्ध में माहिर थे। 1928 से लेकर 1940 तक उन्होंने निजाम के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया और अपने लोगों के लिए एक युद्ध में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। दूसरी तरफ सीताराम राजू ने अंग्रेजों का डटकर सामना किया और 1922 से 1924 तक चले राम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया। उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था। इससे परेशान होकर अंग्रेजों ने उनके खिलाफ दमन की नीति अपनाई और उन्हें एक पेड़ से बांधकर गोलियों के भून डाला था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो