ग्रामीणों ने बताया कि तारबंदी गांव के चारों ओर खेतों में 35 किलोमीटर क्षेत्र में की जाएगी। आरएएस अधिकारी प्रभातीलाल जाट, रतनलाल चौधरी, सरपंच गणेश बारेठ ने तारबंदी की शुरुआत विधि-विधान के साथ पूजा कर की। इसको लेकर इस वर्ष सामूहिक रूप से बेची गई सरसों की तूड़ी से मिले रुपए से तार व सरिए मंगवाए गए हैं।
वर्ष 2020 तक पूरे क्षेत्र में तारबंदी कराने का लक्ष्य है। ग्रामीणों ने बताया कि वे फसलों को नष्ट करने वाले आवारा मवेशियों से परेशान हैं। तारबंदी के बाद उन्हें परेशानी नहीं होगी। इस दौरान शकरंलाल जाट, छोटूलाल चौधरी, श्योजीराम जाट, भैरूंलाल जाट, रामेश्वर चौधरी, जगदीश, रामलाल आदि मौजूद थे।
मांगों के लिए किसान निकालेंगे जुलूस
टोंक. विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के किसान 3 अप्रेल को जयपुर में जुलूस निकालेंगे। वे मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं का निस्तारण करने की मांग करेंगे। इसको लेकर किसान महापंचायत की बैठक सोमवार को पालड़ा गांव में हुई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में 2 लाख 93 हजार 511 किसानों को मूंग, उड़द, मूंगफली व सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने से लाभांवित करने का ढिंढोरा पीटकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया है, लेकिन इनमें से 47 हजार 583 किसानों को उनका 471.51 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया।
टोंक. विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के किसान 3 अप्रेल को जयपुर में जुलूस निकालेंगे। वे मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं का निस्तारण करने की मांग करेंगे। इसको लेकर किसान महापंचायत की बैठक सोमवार को पालड़ा गांव में हुई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में 2 लाख 93 हजार 511 किसानों को मूंग, उड़द, मूंगफली व सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने से लाभांवित करने का ढिंढोरा पीटकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया है, लेकिन इनमें से 47 हजार 583 किसानों को उनका 471.51 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया।
जबकि संशोधित मूल्य समर्थन योजना के अनुसार खरीद होते ही 3 दिन में किसानों को भुगतान किया जाना चाहिए, लेकिन 90 दिन में भी भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर जुलूस निकाला जाएगा। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष अजमल खान, जिलाध्यक्ष दशरथ गुर्जर, छात्र प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वरप्रसाद, कन्हैयालाल, शंकर, राजाराम, केदार, रामलखन, हनुमान , शंकर सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए।