चर्चा के दौरान पायलट ने सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करवाएं जाने की बात कही थी, जिसके बाद शुक्रवार रात्रि को अलवर से डी श्रेणी के 80 व शनिवार को सुबह किशनगढ़ से 50 डी टाइप के ऑक्सीजन सिलेण्डर मिले है। शनिवार को 90 मरीजों को ऑक्सीजन लगाई गई है। बंशीवाल ने बताया कि बीते 24 घंटो में बी,सी व डी टाइप के 120 सिलेण्डर विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों के उपयोग में लिए जाने से खत्म हो गए है। वर्तमान में अस्पताल के पास करीब 36 घंटे के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था है।
स्कूलों से आएंगे जीवन रक्षक सिलेंडर टोंक. समग्र शिक्षा अभियान (समसा) की ओर से संचालित स्कूलों में इन दिनों काम नहीं आए रहे ऑक्सीजन गैस सिलेंडर अस्पताल में मरीजों की जान बचाने के काम आएंगे। समग्र शिक्षा अभियान (समसा) के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने जिले में संचालित स्कूलों में रखे हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों की सूची मांगी है। ताकि उन्हें अस्पताल में दिया जा सके। जहां वे किसी मरीज की जान बचाएंगे।
समग्र शिक्षा अभियान (समसा) की ओर से जिले में 17 स्कूलों में व्यवसायिक कोर्स चलता है। इसके लिए स्कूल में लैब स्थापित की गई है। टोंक जिले के कक्षा 9 के विद्यार्थी ब्यूटी, इलेक्ट्रोनिक, इलेक्ट्रीश्यिन, कृषि, रिटेल, सुरक्षा, ट्रेड हैल्थ केयर, आइटी, ट्रेवल एण्ड ट्रयूरिज्म तथा गृह सजा विषय में प्रवेश लेते हैं। इनमें से ट्रेड हैल्थ केयर में ऑक्सीजन सिलेंडर काम आता है, लेकिन गत वर्ष से बंद स्कूलों में सिलेंडर काम नहीं आ रहे हैं।
जहां विद्यार्थी कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक शिक्षा हासिल करता है। इसके बाद सम्भाग स्तर पर लगने वाले जॉब फेयर में कम्पनी की ओर से उन्हें नौकरी दी जाती है। वहीं हर स्कूल में दो ट्रेड होती है। जिले की 8 स्कूलों की लैब में करीब 7 किलो ग्राम के ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद है। जिन्हें अस्पताल प्रबंधन को दिया जाएगा। ताकि विद्यार्थियों के वे काम आ सके। सूची मांगी हैजिन स्कूलों की लैब में ऑक्सीजन सिलेंडर है, उनकी सूची मांगी गई है। ऑक्सीजन सिलेंडर को अस्पताल में दिया जाएगा, ताकि मरीज की जान बच सके। – ओमप्रकाश तोषनीवाल, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा अभियान (समसा) टोंक