ककराज कला कीरों की ढाणी निवासी कन्हैयालाल पुत्र जग्गा कीर ने मामला दर्ज कराया कि गत 5 अक्टूबर को उसका भाई सुरमालाल हाडीखुर्द गांव में किराने का सामान लेने गया था। सामान खरीदने के दौरान वहां पर अचानक बिना नम्बर की चार-पांच गाडिय़ां तेज गति से आई और चालकों ने गाडिय़ों का तेज गति से घुमाया, जिससे धूल दुकान में भर गई। उलाहना दिया गया तो उन्होंने पत्थरों व लाठियों से हमला कर दिया।
वहीं दूसरा मामला हाडीखुर्द निवासी जयनारायण पुत्र लालाराम बैरवा ने दर्ज करवाया कि गत 5 अक्टूबर को वह हाडीखुर्द में दुकान पर बैठा था। धूल उडऩे पर उलाहना दिया तो रॉयल्टी नाका कार्मिकों ने पत्थर व लाठियों से दुकान पर हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस भी मौजूद थी।
इसका विरोध किया तो उन्होंने जाति ***** शब्दों से अपमानित किया और मारपीट की। तोडफ़ोड़ में दुकान में करीब 40-50 हजार का नुकसान हो गया। पीडि़त ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने भी मुझे व ग्रामीणों का धमकाया।
इससे पहले बरोनी थाना पुलिस ने हाडीखुर्द गांव में जाम लगाने के मामले में 16 नामजद व 40 अन्य के खिलाफ जाम लगाने और राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज किया था। थाने में आईजी ने की मुलाकात
हाडीखुर्द गांव में हुए मामले को लेकर अजमेर रेंज आईजी रूपेन्द्रसिंह मय टीम के पीपलू क्षेत्र में आए। उन्होंने नाथड़ी स्थित पीपलू थाने में पूर्व जिला प्रमुख रामबिलास चौधरी, ग्रामीणों व पुलिसकर्मियों से वार्ता की। आईजी सबसे पहले पीपलू पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय पहुंचे। जहां डिप्टी इन्दु लोदी से पूरे घटनाक्रम की बारीकी से जानकारी ली।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को पूर्व जिला प्रमुख रामबिलास चौधरी के साथ हाडीखुर्द गांव में वृत्ताधिकारी निवाई रूद्रप्रकाश शर्मा, थानाधिकारी सदर टोंक आशाराम गुर्जर आदि पर दुव्र्यवहार कर प्रताडि़त किए जाने के बाद पुलिस मुख्यालय ने उन्हें निलम्बित कर दिया था। वहीं जांच आईजी अजमेर को दी गई थी।
पूर्व जिला प्रमुख रामबिलास चौधरी ने बताया कि पीपलू वृत एवं बरोनी थाना अन्तर्गत हाडीखुर्द होने के बावजूद अन्य थाना क्षेत्रों के पुलिस अधिकारियों ने जबरन सिंघम बनने का प्रयास करते हुए उनके साथ दुव्र्यवहार कर उन्हें पुलिस हिरासत में ले लिया, जो उचित नहीं था। जबकि मौके पर उनके द्वारा किसी भी पुलिस अधिकारी से कोई अभद्रता नहीं की गई थी।
यह है असल मुद्दा
हाड़ीखुर्द गांव में हुआ विवाद बजरी खनन से जुड़ा है। दरअसल ग्रामीण और बजरी रॉयल्टी कार्मिक कई बार आमने-सामने हो चुके हैं। कांग्रेस पदाधिकारियों ने आरोप लगाया था कि बजरी रॉयल्टी नाके के कार्मिक गाडिय़ों में रातभर पुलिस की तरह गश्त करते हैं।
उन्हें कोई अवैध खनन कर बजरी भरा वाहन मिलता है तो वे उनके साथ मारपीट करते हैं। जबकि वे इसकी शिकायत खनीज विभाग या पुलिस से करें, लेकिन ऐसा नहीं कर स्वयं अवैध खनन को रोकने में जुटे हैं। दूसरी तरफ हाइवे पर लगे नाकों पर भी ऐसा ही बर्ताव होता है।
इनका कहना है
इस विषय को लेकर पुलिस अधिकारियों और पूर्व जिला प्रमुख व सम्बन्धित लोगों से घटनाक्रम को लेकर जानकारी ली। काफी विस्तार से दोनों पक्षों को सुना गया। मामले की रिपोर्ट जल्द ही राज्य सरकार को पेश की जाएगी।
– रूपेन्द्रसिंह, आईजी अजमेर