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पहले कोरोना अब रिक्त पद बन रहे पढ़ाई में बाधा, व्याख्याताओं के 28 पद रिक्त

locationटोंकPublished: Feb 26, 2021 09:49:19 am

Submitted by:

pawan sharma

जिले के सबसे बड़े व 70 साल पुराने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दो दर्जन से भी अधिक व्याख्याताओं के पद रिक्त होने से विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है।

पहले कोरोना अब रिक्त पद बन रहे पढ़ाई में बाधा, व्याख्याताओं के 28 पद रिक्त

पहले कोरोना अब रिक्त पद बन रहे पढ़ाई में बाधा, व्याख्याताओं के 28 पद रिक्त

टोंक. जिले के सबसे बड़े व 70 साल पुराने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दो दर्जन से भी अधिक व्याख्याताओं के पद रिक्त होने से विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है। स्नातकोत्तर दर्जे का राजकीय महाविद्यालय टोंक पिछले एक साल से भी अधिक समय से व्याख्याताओं की कमियों से जूझ रहा है। इस कारण विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। साथ ही प्रशासनिक विभाग के कर्मचारियों के भी कई पद रिक्त होने के कारण महाविद्यालयी गतिविधियों सहित अन्य कार्यों के सम्पादन में भी बाधाएं आ रही है।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक में शहरी क्षेत्र के अलावा जिले भर से ग्रामीण इलाकों के करीबन 3500 से अधिक विद्यार्थियों का वर्तमान में पंजीयन है, लेकिन व्याख्याताओं की कमी की वजह से पढ़ाई नहीं हो पा रही। पढ़ाई की चिंता को लेकर कई विद्यार्थी निजी कोचिंग सेन्टरों की ओर रुख कर रहे है। प्राचार्य डॉ अशोक सामरिया नियमित क्लास एवं पढ़ाई होने का दावा करते है, लेकिन यदि व्याख्याता ही नहीं है तो पढ़ाई सुचारू कैसे हो सकती है।
86 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक में वर्तमान में 86 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत है, जिसमें से सिर्फ 58 ही कार्यरत है तथा 28 पद रिक्त चल रहे है। इनमें से छह व्याख्याता मुख्यालय से बाहर अन्य स्थानों प्रतिनियुक्ति पर चले गए है। विज्ञान वर्ग में तो प्रायोगिक शिक्षण कार्य के लिये प्रयोगशाला सहायक सिर्फ दो ही है, जब कि कॉलेज में 8 लैब स्थापित है, जिनके लिये 7 प्रयोगशाला सहायकों की जरूरत है।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक में हिंदी विषय के 3, संस्कृत में 1, चित्रकला में 2,भूगोल में1, इतिहास में 5, फारसी में 1, लोकप्रशासन में 3, अर्थशास्त्र में 1, भौतिक शास्त्र में 1, प्राणी शास्त्र में 2, रसायन शास्त्र में 2, गणित में 2, वनस्पति शात्र में 1 व एबीएसटी में 3 पद व्याख्याताओं के रिक्त चल रहे है।
प्रशासनिक विभाग में भी 27 में से 18 पद रिक्त
राजकीय महाविद्यालय टोंक में प्रशासनिक विभाग में भी रिक्त पदों के चलते कई कार्यों के सम्पादन में कठिनाईयां आ रही है। विभाग के अतिरिक्त प्रशानिक अधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि कॉलेज में प्रशानिक विभाग में 27 पद कर्मचारियों व अधिकारियों के स्वीकृत है।
जिनमें 18 पर रिक्त होने से विभागीय कार्य सम्पादन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर सहायक प्रशानिक अधिकारी का एक पद स्वीकृत है वो भी गत दो वर्षो से रिक्त चल रहा है। इसके अलावा वरिष्ठ सहायक 1, वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक1, प्रयोगशाला सहायक 4, चतुर्थ श्रेणाी कर्मचारी 7, प्रयोगशाला संवाहक के तीन पद रिक्त चल रहे है। इसके अलावा जमादार व दफ्तरी का भी एक-एक स्वीकृत है जो भी कई माह से रिक्त चल रहे है।
छह प्रतिनियुक्ति पर
राजकीय महाविद्यालय टोंक के छह व्याख्याताओं को प्रतिनियुक्ति पर मुख्यालय से बाहर अन्य स्थान पर लगाया हुआ है, जिनमें से हिन्दी, भूगोल, लोक प्रशासन, रसायन शास्त्र, गणित, व वनस्पती शात्र के एक-एक व्याख्याता को अन्य जगहों पर प्रतिनियुक्ति पर लगाया हुआ है। राजकीय महाविद्यालय टोंक में पिछले दो साल से कमोबेश यहीं व्याख्याताओं की संख्या है। इस कारण जिले के सबसे बड़े राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक में व्याख्याताओं सहित कई कमियां उच्च शिक्षा में बाधक बनी हुई है।
पुस्तकालय पर भी ताला
राजकीय महाविद्यालय टोंक में स्थित पुस्तकालयाध्क्ष का पद भी रिक्त चल रहा है। जिस कारण इस पर भी कई माह से ताला लगा होने से विद्यार्थियों को पुस्कालय का लाभ नही मिल पा रहा है। नतीजन विद्यार्थियों को महगें दाम पर शहर में स्थित विभिन्न निजी लाईब्रेरी में अध्यनन करना पड़ रहा है।

छात्र संघ भी कर चुका धरना-प्रदर्शन
राजकीय महाविद्यालय टोंक रिक्त पदों सहित अन्य समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर कई बार कॉलेज परिसर में धरना-प्रदर्शन कर मुख्य प्रवेश द्वार पर तालाबंदी भी की चुकी है। कॉलेज परिसर से लेकर कलक्ट्रेट तक विद्यार्थियों द्वारा पैदल मार्च कर कलक्टर को भी ज्ञापन के माध्यम से आवगत कराया गया है। लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान छात्र हित में नही हुआ है।
कॉलेज में नियमित रूप से पढ़ाई हो रही है साथ ही नियमित क्लास भी 8 फरवरी से लग रही है,जिसमें विद्यार्थी भी आ रहे है। यह बात भी सही है कि महाविद्यालय में व्याख्याताओं सहित प्रशानिक विभाग में कुछ पद रिक्त चल रहे है। इसके बावजूद महाविद्यालय में शिक्षण कार्य सहित अन्य प्रशानिक कार्यो का समय पर सम्पादन किए जाने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे है। रिक्त पदों के लिए समय-समय पर उच्चाधिकारियों सहित आयुक्तालय को पत्र के माध्यम से आवगत कराया जा रहा है।
डॉ अशोक सामरिया, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय टोंक

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