राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक में वर्तमान में 86 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत है, जिसमें से सिर्फ 58 ही कार्यरत है तथा 28 पद रिक्त चल रहे है। इनमें से छह व्याख्याता मुख्यालय से बाहर अन्य स्थानों प्रतिनियुक्ति पर चले गए है। विज्ञान वर्ग में तो प्रायोगिक शिक्षण कार्य के लिये प्रयोगशाला सहायक सिर्फ दो ही है, जब कि कॉलेज में 8 लैब स्थापित है, जिनके लिये 7 प्रयोगशाला सहायकों की जरूरत है।
राजकीय महाविद्यालय टोंक में प्रशासनिक विभाग में भी रिक्त पदों के चलते कई कार्यों के सम्पादन में कठिनाईयां आ रही है। विभाग के अतिरिक्त प्रशानिक अधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि कॉलेज में प्रशानिक विभाग में 27 पद कर्मचारियों व अधिकारियों के स्वीकृत है।
राजकीय महाविद्यालय टोंक के छह व्याख्याताओं को प्रतिनियुक्ति पर मुख्यालय से बाहर अन्य स्थान पर लगाया हुआ है, जिनमें से हिन्दी, भूगोल, लोक प्रशासन, रसायन शास्त्र, गणित, व वनस्पती शात्र के एक-एक व्याख्याता को अन्य जगहों पर प्रतिनियुक्ति पर लगाया हुआ है। राजकीय महाविद्यालय टोंक में पिछले दो साल से कमोबेश यहीं व्याख्याताओं की संख्या है। इस कारण जिले के सबसे बड़े राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टोंक में व्याख्याताओं सहित कई कमियां उच्च शिक्षा में बाधक बनी हुई है।
राजकीय महाविद्यालय टोंक में स्थित पुस्तकालयाध्क्ष का पद भी रिक्त चल रहा है। जिस कारण इस पर भी कई माह से ताला लगा होने से विद्यार्थियों को पुस्कालय का लाभ नही मिल पा रहा है। नतीजन विद्यार्थियों को महगें दाम पर शहर में स्थित विभिन्न निजी लाईब्रेरी में अध्यनन करना पड़ रहा है।
छात्र संघ भी कर चुका धरना-प्रदर्शन
राजकीय महाविद्यालय टोंक रिक्त पदों सहित अन्य समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर कई बार कॉलेज परिसर में धरना-प्रदर्शन कर मुख्य प्रवेश द्वार पर तालाबंदी भी की चुकी है। कॉलेज परिसर से लेकर कलक्ट्रेट तक विद्यार्थियों द्वारा पैदल मार्च कर कलक्टर को भी ज्ञापन के माध्यम से आवगत कराया गया है। लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान छात्र हित में नही हुआ है।
डॉ अशोक सामरिया, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय टोंक