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बनास नदी में गहलोद-टोंक मार्ग पर पुल निर्माण से जिला मुख्यालय से जुड़ेंगे 500 गांव

locationटोंकPublished: Oct 17, 2020 10:32:23 am

Submitted by:

pawan sharma

बनास नदी में गहलोद-टोंक मार्ग पर पुल निर्माण से जिला मुख्यालय से जुड़ेंगे 500 गांव
 

बनास नदी में गहलोद-टोंक मार्ग पर पुल निर्माण से जिला मुख्यालय से जुड़ेंगे 500 गांव

बनास नदी में गहलोद-टोंक मार्ग पर पुल निर्माण से जिला मुख्यालय से जुड़ेंगे 500 गांव

पीपलू (रा.क.). पीपलू तहसील के आवागमन का मुख्य आधार एवं विकास की मुख्य धुरी गहलोद-टोंक मार्ग पर बनास नदी में 135 करोड़ रुपए की लागत से 4 किमी लंबा पुल बनेगा। कई वर्षों से बनास नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बारिश होने तथा बीसलपुर बांध का ओवरफ्लो पानी नदी में छोड़े जाने के बाद इस मार्ग पर आवागमन बाधित रहता हैं। ऐसे में हर वर्ष मानसून के समय नदी किनारे के सैकड़ों गांव के लोगों को 10 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय की दूरी तय करने के लिए 50-60 किलोमीटर चक्कर लगाकर जिला मुख्यालय आना जाना पड़ता हैं।
यह मार्ग पीपलू, मालपुरा, टोडारायसिंह तहसील के सैकड़ों गांव समेत किशनगढ़, अजमेर, दूदू, सांभर, नरेना को जोडऩे वाला है। इस पर पुल बनने से क्षेत्र के ग्रामीणों को को राहत मिलेगी साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में आ जाने के लिए भी उन्हें बहुत सहूलियत मिलेगी। इससे समय धन दोनों भी बचेंगे।
अब तक जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते यह राह वर्षा काल के दौरान हमेशा बाधित होती रही है। विशेषकर बीसलपुर बांध से पानी छोड़े जाने के दौरान तो यह मार्ग पूर्णतया बाधित हो जाता है। इस मार्ग को सुगम बनाने के लिए चुनाव के समय टोंक विधायक एवं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने जिले के लोगों से वायदा किया था। इसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं ने तकमीना बनाया था। ऐसे में सारी प्रक्रियाओं के बाद यहां 4 किमी लंबा पुल बनाने को लेकर 135 करोड़ की स्वीकृति जारी हुई हैं।

विद्यार्थियों को मिलेगा फायदा
बनास नदी के गहलोद रपट पर पुल बनने से क्षेत्र के कुरेड़ा, देवरी, गहलोद, नानेर, जवाली सहित टोड़ारायसिंह व मालपुरा उपखण्ड के कई दर्जनों गांवो के लोगों का गहलोद मार्ग से टोंक मुख्यालय का सीधा संपर्क जुड़ेगा। इस रास्ते से गहलोद, मारखेड़ा, इस्लामपुरा, पासरोटिया, बिशनपुरा, मालीपुरा समेत दर्जनों गांवों के करीब एक हजार से अधिक विद्यार्थी रोजाना टोंक पढऩे के लिए जाते है, उनके पुल बनने से काफी राहत मिलेगी।
इतना ही नहीं इस गहलोद रपटे से रोजाना सैकड़ों किसान अपनी फसल को टोंक कृषि मण्डी में बेचने व अपनी रोजमर्रा की चीजों की खरीददारी के लिए टोंक जाते हैं। वहीं गंभीर घायल, बीमार एवं प्रसूताओं को भी टोंक सआदत अस्पताल में इसी गहलोद रपटे से ले जाया जाता है। ऐसे में पुल बनने के बाद बारिश के समय भी आवागमन सुचारु रहने से काफी फायदा क्षेत्रीय लोगों को मिलेगा।
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