यह जवान पीपलू तहसील के अलीमपुरा गांव निवासी केदारनारायण चौधरी है। कलक्टर को दिए ज्ञापन में केदार ने बताया कि उसके गांव अलीमपुरा में खातेदारी की भूमि पर परिवार जनों को गांव के कुछ लोगों द्वारा बुवाई नहीं करने दिया जा रहा है।
वे लोग परिवार के साथ मारपीट पर आमदा रहते हैं। उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने व प्रशासन से भूमि का सीमाज्ञान करावाकर पत्थर गढ़ी के आदेश की करवाने की फरियाद कई बार की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
जबकि जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक व थाना प्रभारी को कमांडेंट 163 बटालियन केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल वेरीनाग ने 27 जुलाई 2020 को सेना के जवान को न्याय दिलाने के पत्र भेजा था। इसके अलावा पुलिस महानिरीक्षक राजस्थान सेक्टर कार्यालय केन्द्रीय पुलिस बल जयपुर के माध्यम से भी पत्र भेजा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर समस्या निस्तारण के लिए वह अवकाश लेकर आया है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
उसने बताया गांव में उसकी मां सूजी देवी, पत्नी बदाम देवी, बेटी अमानिका व बेटा रिछपाल निवास करते हैं। केदार जाट ने बताया कि उसके पिता 2012 में भगवान की भक्ति के कारण घर छोड़ कर चले गए और उनका कोई पता नही है। उन्होंने बताया कि 3 जून 2020 को उसके परिवार ने खातेदारी के खेत में हकाई करवाई थी।
गांव में ही कुछ लोग कब्जा करने की नियत परिवार को इस पर हकाई करने से मारपीट करने पर आमदा हो गए थे। पुलिस थाने में उसकी मां सूजी देवी व चाची गोमद देवी ने रिपोर्ट 3 जून व 27 जून को दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर आरोपी दोबारा मारपीट पर आमदा है। तहसीलदार कार्यालय पीपलू में भी उपखंड अधिकारी कार्यालय से पत्थरगढ़ी कराने के आदेश के बावजूद पुलिस इमदाद उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाकर 25 जून 2020 व 10 जुलाई 2020 को तारीख बढ़ाकर सीमाज्ञान कर पत्थरगढ़ी कार्य को नहीं किया गया।
उसके चाचा रामजीवन जाट ने 20 जून 2020 को पत्थरगढ़ी के आदेश की पालना नहीं होने पर तहसील कार्यालय में निवेदन किया तो गत 8 अप्रेल को तारीख दे दी, लेकिन इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसे में उसने कलक्ट्रेट में धरना दिया है।
जानकारी नहीं थी पहले
मामले की जानकारी पहले नहीं थी। अब उपखण्ड अधिकारी को मामले में कार्यवाही करने के लिए कहा गया है।
– चिनमयी गोपाल, जिला कलक्टर टोंक