इसके अलावा ङ्क्षप्रङ्क्षटग प्रेस वालों को भी उन दोनों की आयु का एक प्रमाण-पत्र अपने पास उपलब्ध रखना होगा। साथ ही उन्होंने हलवाई, बैंड-बाजे, पंडित, बाराती, टैंट और ट्रांसपोर्ट आदि लोगों को बाल विवाह में सहयोग ना करने के निर्देश देते हुए कहा कि अगर यह लोग बाल विवाह में शामिल होते हैं तो इनके खिलाफ भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
बैठक में जिला प्रशासन, बाल अधिकाारिता विभाग एवं एक्शनएड-यूनिसेफ के अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर टोंक एडीएम मुरारीलाल शर्मा ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला व उपखण्ड स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश जारी कर दिये गये है। साथ ही सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाल विवाह की रोकथाम एवं जागरूकता के लिए विशेष कार्यक्रमों व बैठकों का आयोजन किया जाये।
जिला स्तर पर स्थापित बाल विवाह रोकथाम कंट्रोल रूम का लैण्ड लाइन नम्बर 01432-247478 है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे कार्यरत रहेगा। बाल अधिकारिता विमलेश कुमार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों पर चर्चा की। सहायक निदेशक सामाजिक न्याय अधिकारिता नवल खान ने हितधारकों की भूमिका एवं उत्तरदायित्व पर चर्चा की।
बैठक में सहायक निदेशक महिला अधिकारिता मेंरिग्टन सोनी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजनान्तर्गत की गई गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। एक्शनएड-यूनिसेफ जोनल कोर्डिनेटर जहीर आलम ने टोंक जिले में बाल विवाह के आंकड़ों को साझा करते हुए बाल विवाह रोकथाम के लिए की गई गतिविधियों की जानकारी दी।
प्रभावी कार्य योजना के लिए दिए निर्देश
कलक्टर ने बैठक में सभी को प्रभावी कार्य योजना बनाने के लिए दिए निर्देश है। उन्होने कहा कि कहा कि ग्रामीण स्तर पर कार्यरत कार्मिकों के दल का गठन किया जायेगा। इस दल से संबंधित ग्राम के जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्ड पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच, स्कूल के संस्था प्रधान, संबंधित भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी, ग्राम सेवक, कृषि पर्यवेक्षक, महिला पर्यवेक्षक, एएनएमए जीएनएम, राजकीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षक,, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा आशा सहयोगिनी को शामिल किया गया है। दल में शामिल कार्मिक अपने-अपने कार्य क्षेत्र में भ्रमण कर बाल विवाह रोकने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाऐंगे।
कलक्टर ने बैठक में सभी को प्रभावी कार्य योजना बनाने के लिए दिए निर्देश है। उन्होने कहा कि कहा कि ग्रामीण स्तर पर कार्यरत कार्मिकों के दल का गठन किया जायेगा। इस दल से संबंधित ग्राम के जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्ड पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच, स्कूल के संस्था प्रधान, संबंधित भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी, ग्राम सेवक, कृषि पर्यवेक्षक, महिला पर्यवेक्षक, एएनएमए जीएनएम, राजकीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षक,, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा आशा सहयोगिनी को शामिल किया गया है। दल में शामिल कार्मिक अपने-अपने कार्य क्षेत्र में भ्रमण कर बाल विवाह रोकने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाऐंगे।