प्रेमकंवर की अपील 198 9 में दायर की गई अपील बीते दिनों राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई। न्यायालय में प्रेमकंवर की ओर से कोई पेश नहीं हुआ। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए न्यायालय ने अधिवक्ता शालिनी शेरॉन को न्याययमित्र नियुक्त किया।
गरीबी अशिक्षा ने दिया दर्द
प्रेमकंवर पर अपने ही बच्चे की हत्या का आरोप लगाया। गरीबी अशिक्षा की वजह से ससुराल से निकाले जाने के बाद पीहर आ गई। इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया मामला न्यायालय तक पहुंचा। ट्रायल के बाद आजीवन कारावास की सजा न्यायालय ने सुनाई।
अब चैन से सो सकती हूं
प्रेमकंवर से न्यायमित्र के जरिए पत्रिका ने बात। मामले में बरी होने की जानकारी मिलने पर रोने लगी और बोली मैं अब चैन से सो सकती हूं। सालों साल निकल गए जेल में गुजारे दिन और आरोपों की वजह से कभी पूरी तरह से नींद नहीं आई। प्रेमकंवर ने बताया कि करीबन तीस साल पहले ससुराल वालो ने निकाल दिया था। इसके बाद घर आ गई। मां बाप थे तब तक फिर भी सहारा था लेकिन इसके बाद सब खत्म हो गया। खेतों में काम करके जीवन जी नहीं काट रही हूं।
थाना मालपुरा में 198 6 की सुबह मुखबीर ने सूचना दी ?कि पचेवर के तालाब में एक शिशु की लाश पड़ी है। किसी महिला ने पैदाइश छुपाने के लिए लाश को वहां पर डाला है। पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। इसके बाद मुखबीर की सूचना के आधार पर प्रेमकंवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया और न्यायालय में चालान पेश किया।