पीपलू उपखण्ड मुख्यालय सहित क्षेत्र में आगजनी की घटनाएं होने पर निवाई, टोंक या अन्य स्थानों से दमकल को बुलाना पड़ता हैं। उपखण्ड क्षेत्र में कहीं भी आगजनी की घटना हो जाए तो प्रशासन के पास केवल इंतजार के अलावा कोई उपाय नहीं बचता है।
पीपलू उपखण्ड मुख्यालय सहित क्षेत्र में 25 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें लगभग 126 गांव आते हैंं। इस पूरे क्षेत्र में कहीं पर भी आग लग जाए तो टोंक, निवाई या मालपुरा से दमकल मंगवाई जाती है। अगर इस दौरान टोंक, निवाई, मालपुरा क्षेत्र में भी कहीं पर आग लग जाए तो दमकल वहां भी जाती है। ऐसे में उपखण्ड के दूर दराज के गांवों में आग लग जाने पर लोगों के पास केवल अपने घर, दुकान या खेत को जलते हुए देखने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचता हैं।
कुछ गांव ऐसे हैं जिनकी जिला मुख्यालय से करीब 60-70 किमी की दूरी हैं। ऐसी स्थिति में रानोली, कठमाना, चौगाई में आगजनी की घटना होने पर जिला मुख्यालय से फायर ब्रिगेड दो से तीन घंटे देरी से पहुंचती है तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है। गांव वाले अपने स्तर पर ही आग बुझाने का प्रयास करते हैं।
जनप्रतिनिधियों ने नहीं की सुनवाई वर्षों से उपखंड क्षेत्र के लोग दमकल की सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग जनप्रतिनिधियों सहित मंत्रियों से कर रहे है, लेकिन आज तक किसी ने क्षेत्र की इस प्रमुख समस्या का निस्तारण नहीं किया है। क्षेत्रीय विधायक प्रशांत बैरवा से जनता को उम्मीद थी और उन्होंने कई बार इसको लेकर आश्वासित भी किया लेकिन साढ़े तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी क्षेत्र में दमकल उपलब्ध नहीं हो पाई हैं।