scriptगांव के स्कूल में पढ़ कर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक बना मनीष | After studying in village school, Manish became a scientist in Bhabha | Patrika News

गांव के स्कूल में पढ़ कर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक बना मनीष

locationटोंकPublished: Dec 01, 2021 06:05:53 pm

Submitted by:

Vijay

पीपलू के मनीष का बीएआरसी में वैज्ञानिक अधिकारी पद पर चयन

गांव के स्कूल में पढ़ कर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक बना मनीष

गांव के स्कूल में पढ़ कर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक बना मनीष



पीपलू. पीपलू के प्रतिभावान युवा मनीष कुमार सनाढ्य का भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) मुंबई में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। बीएआरसी में चयनित होने के लिए होने वाले इंटरव्यू को देश का सबसे कठिन इंटरव्यू माना जाता है। ऐसे में इसमें सफलता हासिल करके मनीष ने न केवल क्षेत्र और जिले का नाम रोशन किया है बल्कि समूचे प्रदेश को भी गौरवान्वित किया है।
क्षेत्रीय विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, उपखंड अधिकारी सहित कई लोगों ने इलाकें का नाम रोशन करने पर मनीष को बधाई दी है। कड़ी मेहनत कर देश के प्रख्यात भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में मनीष का चयन वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर होने से परिवार में खुशी का माहौल है और सभी ने मनीष को मिठाई खिलाकर बधाई दी। मनीष ने देश सेवा को सर्वोपरि बताया। मनीष ने कहा कि वैज्ञानिक बनने के पीछे देशसेवा मुख्य लक्ष्य है। परंपरागत लीक से हटकर कुछ नया करने की इच्छा है ताकि देश का नाम पूरी दुनिया में हो सके। मनीष के पिता पेशे से शिक्षक हैं। मनीष के पिता विष्णु शर्मा वर्तमान में धरियावद प्रतापगढ़ में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
मनीष ने बताया कि भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में चयन होने के लिए पहले 24 सितंबर 2021 को ऑनलाइन रिटर्न एग्जाम हुआ था। 9 अक्टूबर को आए इसके परिणाम में इंटरव्यू के लिए शॉर्ट लिस्ट हुआ। साथ ही 26 अक्टूबर 2021 को इंटरव्यू हुआ। इंटरव्यू मुंबई के अणु शक्ति नगर में हुआ था। 30 नवंबर को घोषित हुए रिजल्ट में मनीष का चयन हो गया. मनीष का इंटरव्यू करीब 90 मिनट चला। मनीष ने बताया कि उसकी ब्रांच से ऑल इंडिया से 42 जनों का चयन हुआ है।
इंटरव्यू में पूछा फ्रीज के पार्टस के बारे में बताओ…
मनीष ने बताया कि मुंबई के अणु शक्ति नगर में करीब डेढ़ घंटे तक चले इंटरव्यू में कई सवाल पूछे गए। जिसमें एक सवाल था कि आपके घर में रखे फ्रीज के सब पार्टस के बारे में बताओ। साथ ही वो कैसे काम करता है। क्रंप्रेसर कहां होता है? एक्सपैंशन वाल्व क्या है? इस पर मनीष ने बताया कि उसने शुरु से ही घर में रखे फ्रीज को ध्यान से आब्जर्व किया था। जिसके चलते उसने फ्रीज ठंडा कैसे करता है, फ्रीज में कौनसी गैस होती है तथा कंप्रेसर, कंडेनसर, एक्सपैंशन वाल्व, एवपोर्टोर आदि पार्टस को लेकर सही जवाब दिए। वहीं बोर्ड पर खड़ा करके चॉक हाथ में थमाकर प्रश्न हल करवाए थे।
शुरु से ही रहा मेधावी छात्र
मनीष शुरू से ही मेधावी छात्र रहा हैं. मेधावी छात्र मनीष ने जवाहर नवोदय विद्यालय छान से कक्षा 10 में 9 सीजीपीए, कक्षा 12 में 93.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। वहीं आईआईटी कानपुर से बीटेक में 8 .9 सीजीपीए अंक प्राप्त किए। मनीष ने अपनी सफलता का श्रेय पिता विष्णु शर्मा व माता राधा देवी शर्मा तथा अपने करियर के हर मोड पर सहयोग करने वाले सभी गुरुजनों, सहपाठियों को दिया है। मनीष ने कहा कि जिस तरह से परिवार ने मुझे अच्छी परवरिश दी और इस मुकाम तक पहुंचाने में सहयोग करने वाले परिवार, गुरुजनों व सहपाठियों पर मुझे गर्व है। उल्लेखनीय हैं कि मनीष के पिता विष्णु शर्मा जो कि वर्तमान में धरियावद प्रतापगढ़ में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। विष्णु शर्मा जहां भी कार्यरत रहे हैं वहां के विद्यालय को संवारने का काम किया है। साथ ही सबसे अधिक खासियत जो उनमें है वह है अनुशासन। वह स्वयं विद्यालय के प्रति समर्पित रहे तो शिक्षकों को भी अनुशासन में रहना पड़ा हैं। यही अनुशासन घर में भी रहा। इसी का परिणाम है कि मनीष का वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर चयन हुआ हैं।
फोटो पीआर 0212 सीए: पीपलू। मनीष कुमार सनाढ्य।

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