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गंगागुरिया बालाजी मन्दिर में अखण्ड रामचरित मानस पाठ शुरू

गंगागुरिया बालाजी मन्दिर में शनिवार सुबह 10 बजे से अखण्ड रामचरित मानस पाठ की विधिवत् शुरुआत हुई। उक्त आयोजन का उदेश्य जनकल्याण, सुख, समृद्धि व संकट निवारण है।

टोंकAug 18, 2019 / 10:58 am

MOHAN LAL KUMAWAT

देवली। अखण्ड रामचरित मानस पाठ की शुरुआत से पहले गणपति पूजन करते आयोजक।

देवली. शहर के गंगागुरिया बालाजी Gangaguria Balaji मन्दिर में शनिवार सुबह 10 बजे से अखण्ड रामचरित Akhand Ramcharit
मानस पाठ की विधिवत् शुरुआत Duly launched हुई। उक्त आयोजन का उदेश्य जनकल्याण, Public welfare सुख, समृद्धि व संकट निवारण Prosperity and crisis prevention है।
 


आयोजन से जुड़े हुकुमचंद टेलर ने बताया कि इससे पहले पाठ समिति के सदस्य बोरड़ा स्थित गणेश मन्दिर पहुंचे। विधि-विधान के साथ सदस्यों ने भगवान गणेश को न्यौता दिया। इसके बाद पं यतेन्द्र जोशी के सानिध्य में विधिवत् पूजा-अर्चना Duly worshiped कर रामचरित मानस पाठ Ramcharit Manas text की शुरुआत की गई।
 

उन्होंने बताया कि प्रतिदिन पण्डितों की ओर से रामचरित मानस का पाठ किया जाएगा। शनिवार को किए गए पाठ में आमजन का सहयोग Public support है। फिलहाल 108 पाठ करवाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर इसे 151 तक बढ़ाने का निर्णय किया जा सकता है।
 

उन्होंने बताया कि संभवतया उक्त पाठ दिसम्बर माह तक चलेगा। पाठ की पूर्णाहुति Poornahuti पर भैरु महाराज की प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा। गौरतलब है कि मन्दिर परिसर में भैरु महाराज का मन्दिर पहले ही बना हुआ है। इस दौरान आयोजन समिति से जुड़े सुरेन्द्र जिन्दल, डॉ. राहुल जिन्दल, बुद्धिप्रकाश साहू, सुरेश जाकल, सुरेश जैन, अनिल गोयल, रामपाल गर्ग सहित उपस्थित थे।
 


भगवान श्रेयांसनाथ के चढ़ाया निर्वाण लड्डू
निवाई. सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य विभव सागर के सान्निध्य में भगवान श्रेयांसनाथ का निर्वाण महोत्सव कई धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मनाया गया।
 

चातुर्मास कमेटी के प्रवक्ता विमल जौंला व राकेश संघी ने बताया कि महोत्सव पर भगवान श्रेयांसनाथ का निर्वाण लड्डू चढ़ाने का सौभाग्य सत्यनारायण विनोद कुमार, गिर्राज प्रसाद महेश कुमार एवं पवन कुमार जैन मोठूका को प्राप्त हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं Devotees ने श्रीजी का कलशाभिषेक,शान्तिधारा और विष्णुकुमार मुनि सहित 700 मुनिराजों का पूजन गाजे बाजे के साथ किया गया।
 
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