वहीं पुलिस ने नगर परिषद की कार्रवाई का विरोध करने वाले मुखिया समेत उसके परिवार के 8 जनों को गिरफ्तार किया है। दरअसल नगर परिषद आयुक्त सचिन यादव नगर परिषद की गैर मुमकीन पाळ के विवादित भू-खण्ड से अतिक्रमण हटाने गए थे। उनके अतिक्रमण हटाने वाले दस्ते का वहां काबिज लोगों ने जमकर विरोध किया। पहले तो कार्रवाई ही नहीं करने दी। कई महिला-पुरुष दस्ते के सामने आ गए।
ऐसे में पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रसिंह रावत एवं पुरानी टोंक थाना प्रभारी त्रिलोक चन्द सहित पुलिस व आरएसी जाप्ता मौके पर पहुंचा। जिन्होंने अतिक्रमी बाबूलाल गुनसारिया एवं परिजनों को हिरासत में लिया। इस दौरान अचानक बाबूलाल गुनसारिया की तबीयत बिगड़ गई। ऐसे में उसे सआदत अस्पताल टोंक में भर्ती कराना गया।
इसके बाद आरएसी जवानों की मौजूदगी में नगर परिषद आयुक्त ने जेसीबी से बाबूलाल गुनसारिया की ओर से किए गए गए भू-खण्ड की चारदीवारी के लिए खोदी गई भरी हुई नींव को ध्वस्त किया। आयुक्त ने बताया कि नगर परिषद टोंक ने विवादित भूखण्ड पर परिषद की सम्पति का बोर्ड़ लगाया है।
आयुक्त ने बताया कि बाबूलाल गुनसारिया ने उक्त भू-खण्ड को अपनी मां धापू देवी द्वारा खरीदना बताया है, जो पारिवारिक समझौता के मुताबिक बाबूलाल गुनसारिया के हिस्से में आया है। जबकि उक्त भू-खण्ड नगर परिषद टोंक की सम्पति है। इसके बाद अतिक्रमण दस्ता ने हाइवे के समीप बिना अनुमति चल रहे निमार्ण कार्य को बंद करा दिया।
पास ही में आम रास्ते पर बने शौचालय व टेंक को भी ध्वस्त किया गया। इधर, सीओ चन्द्रसिंह रावत ने बताया कि नगर परिषद की कार्रवाई में बाधा डालने पर बाबूलाल समेत उसके परिवार के 8 जनों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि इसी भू-खण्ड मामले को लेकर बाबूलाल ने नगर परिषद आयुक्त समेत अन्य के खिलाफ पुरानी टोंक में रिश्वत मांगने समेत अन्य का मामला दर्ज कराया था। इसमें आत्महत्या की बात सामने आने पर पुलिस ने बाबूलाल के खिलाफ पूर्व में ही मामला भी दर्ज किया है।