read more : सहायक अभियंता पर बलात्कार का आरोप, पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज नही करने पर एसएचओ को किया सस्पेंड शांति धारा पारसमल व धर्मचंद बिलासपुरिया ने की। समाज के प्रवक्ता राजेश अरिहंत ने बताया कि अभिषेक व शांतिधारा Abhishek and Shantadhara के बाद चंद्रप्रभु भगवान की पूजा, नित्य नियम पूजा Routine worshipएवं चौबीस तीर्थंकरों Twenty four tirthankaras की पूजा की गई।
इसके बाद श्रीजी को वेदियो में विराजमान Vedio sit कर बोलियां लगाई गई। नवनिर्मित मान स्तंभ
Value column में चारों दिशाओं में भगवान चंद्रप्रभु की प्रतिमा पारसमल व धर्मचंद बिलासपुरिया ने विराजमान की। नसिया परिसर में मान स्तंभ का निर्माण भी इन्होंने ही किया।
read more : चरागाह भूमि पर अतिक्रमण कर काश्त करने का किया विरोध, ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की मान स्तंभ की महत्ता के बारे में प्रदीप भैया ने बताया कि आकाश मार्ग से गुजरने वाले देव एवं दूर से ही श्रावक श्रीजी के दर्शन कर सके। इसलिए मंदिर एवं नसिया में मान स्तंभ का निर्माण करवाया जाता है।
श्रीजी को विराजमान करने के बाद श्रद्धालुओं
worshipers ने स्वर्ण कलश व रजत कलश से श्रीजी का महामस्तकाभिषेक
mahamastakabhishek किया। नसिया समिति के मंत्री पवन कुमार जैन ने बताया कि मंदिर में स्वर्ण जडि़त नवीन वेदियों में मूलनायक भगवान चंद्रप्रभु को अअशोक कुमार, अनिल कुमार व अर्पित बिलासपुरिया ने विराजमान किया।
read more : फसल की पिलाई करने गए किसान की कुएं में गिरने से हुई मौतआदिनाथ भगवान को चांदमल व महेंद्र पाटनी, शांतिनाथ भगवान को कैलाश चंद, हरक चंद जयपुरिया, महावीर भगवान को पवन कुमार, प्रवीण कुमार, अष्टधातु से निर्मित भगवान चंद्रप्रभु को कुशाल देवी, अतुल कुमार,
अन्य सभी मूर्तियों All other idols को महेंद्र कुमार, राहुल कुमार, निर्मल जयपुरिया, अनिल कुमार, अजय कुमार, माणकचंद, त्रिलोकचंद, जिनेंद्र जैन, उत्तमचंद व पारसचंद ने विराजमान किया। मूलनायक भगवान चंद्रप्रभु के ऊपर छत्र अशोक कुमार, अनिल कुमार व अर्पित कुमार ने किया। इस अवसर पर विश्व शांति महायज्ञ
World peace master का आयोजन हुआ। इसमें इंद्र-इंद्राणियों ने घी, धूप, चंदन व नारियल आदि से आहुतियां दी। हवन कुंड से निकली सुगंध से संपूर्ण वातावरण खुशनुमा हो गया।
read more : बीसलपुर में मात्र छह प्रतिशत पानी रहा शेष, रोजाना तीन सेमी हो रहा कमश्रद्धालुओं ने भगवान चंद्रप्रभु के जयकारे लगाकर विश्व में शांति के लिए प्रार्थना की। संचालक प्रकाश सोनी ने बताया कि मंदिर में छत्र, चंवर, अष्ट प्रतिहारी, जिनवाणी माता आदि को भी विराजमान किया गया।
अतिथियों का समाज की ओर से स्वागत एवं सम्मान किया गया। नसिया समिति अध्यक्ष चांदमल पाटनी ने अतिथियों का सम्मान एवं स्वागत किया।