वहीं आरोप है कि कुछ तो हाजरी के बाद ही रवाना हो जाते हैं। ऐसे में निर्धारित कार्य पूरा नहीं हो रहा है। इस पर नगर परिषद के पार्षद भी नाराजगी जताकर आरोप लगा चुके हैं।
जबकि नगर परिषद के पास सफाई कर्मचारियों की कमी नहीं है। वर्तमान में नगर परिषद में 462 सफाई कर्मचारी है। वहीं शहर में 60 वार्ड है। ऐसे में 7 सफाई कर्मचारियों की एक टीम प्रत्येक वार्ड में होनी चाहिए, लेकिन कर्मचारियों को नगर परिषद की अन्य शाखा व अन्य विभागों में लगा देने से व्यवस्था गड़बड़ा रही है।
हालांकि गत दिनों नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट ने इसकी जांच की तो दो कर्मचारी बिना अनुमति अवकाश पर मिले। ऐसे में उन्होंने दोनों को निलम्बित कर दिया। वहीं निगरानी के लिए अब 10 नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। यह अधिकारी सुबह-शाम हाजरी दे रहे हैं, लेकिन पार्षदों का आरोप है कि हाजरी के समय तो कर्मचारी आ जाते हैं, लेकिन उसके बाद कर्मचारी इधर-उधर हो जाते हैं।
9 भागों में बटा है शहर
नगर परिषद ने शहर के 9 भागों में बांटा है। इन इलाकों में 9 जमादार तय किए हैं। यह जमादार सम्पूर्ण शहर में 462 सफाई कर्मचारियों से सफाई कराते हैं, लेकिन जमादारों पास अभी कई कर्मचारी नहीं है।
कर्मचारियों के मुताबिक आधा दर्जन कर्मचारी नगर परिषद की विभिन्न शाखाओं में लगे हैं। निर्वाचन विभाग में 5 कर्मचारी समेत अन्य विभागों में भी लगे हुए हैं। ऐसे में नगर परिषद के पास सफाई कर्मचारियों की कमी हो गई।
सूची तैयार हो रही है
सफाई कर्मचारियों की सूची तैयार कराई जा रही है कि वे किस विभाग में लगे हैं। सभी को मूल विभाग में लगाया जा जाएगा। गत दिनों बिना अनुमति अवकाश पर जाने वाले दो को निलम्बित किया जा चुका है।
– धर्मपाल जाट, आयुक्त नगर परिषद टोंक
सूचना ही नहीं देते
नगर परिषद में सफाई कर्मियों की कमी नहीं है, लेकिन अधिकारी इनकी सूचना नहीं दे रहे है कि किस वार्ड में कितने सफाई कमी है। इससे जाहिर है कि सफाई कर्मी को अन्य विभाग में लगा दिया है। महज उनकी मौके पर हाजरी ही होती है।
– यूसुफ इंजीनियर, पार्षद नगर परिषद