भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने इससे एक दिन पहले मंगलवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहायक निदेशक कार्यालय के अनुकम्पा पर छह वर्ष पूर्व नियुक्त कनिष्ठ लिपिक को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। मामले में गिरफ्तार आरोपी कनिष्ठ लिपिक सरफराज आलम पुत्र बाबू खां है। एक परिवादी ने सोमवार को ब्यूरो में परिवाद पेश किया था कि उसे बाल आश्रम खोलना है। इसके लिए उसने आवेदन-पत्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में लगाया था। इस आवेदन की फाइल को जयपुर स्थित मुख्यालय में भेजकर स्वीकृत कराने की एवज में सरफराज ने परिवादी से 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। ऐसे में गत दिनों परिवादी ने 6 हजार रुपए सरफराज को दे दिए और बाकी बचे 4 हजार रुपए मंगलवार को देना तय हुआ।
इस बीच परिवादी ने सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के समक्ष परिवाद पेश कर दिया। ब्यूरो ने मामले का सत्यापन किया और आरोपी को पकडऩे के लिए रंग लगे नोट देकर परिवादी को भेज दिया। तय योजना के तहत परिवादी ने उक्त रुपए कनिष्ठ लिपिक को दे दिए। कुछ देर बाद ही पहुंची ब्यूरो की टीम ने आरोपी कनिष्ठ लिपिक को पकड़ लिया और उसके पास से रंग लगे नोट बरामद कर लिए। बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।