scriptराजस्थान पुलिस को किया शर्मशार, इस गंदे काम की एवज में रिश्वत लेते कांस्टेबल रंगे हाथ गिरफ्तार, 45 हजार रूपए में हुए था सौदा तय | Arrest Constable Dyed Hand Bribe | Patrika News
टोंक

राजस्थान पुलिस को किया शर्मशार, इस गंदे काम की एवज में रिश्वत लेते कांस्टेबल रंगे हाथ गिरफ्तार, 45 हजार रूपए में हुए था सौदा तय

मामले की पूछताछ में उच्चाधिकारियों की भूमिका की सम्भावना है, जो जांच के बाद सामने आएगा।
 

टोंकJun 28, 2018 / 08:00 am

pawan sharma

Arrested Constable Dyke-Hand Taking Bribes

मालपुरा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के दल ने बुधवार को कांस्टेबल को बजरी से भरे वाहन नजरअंदाज करने की एवज में रिश्वत लेते रंगे-हाथ गिरफ्तार कर लिया।

मालपुरा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के दल ने बुधवार को कांस्टेबल को बजरी से भरे वाहन नजरअंदाज करने की एवज में रिश्वत लेते रंगे-हाथ गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह ने बताया कि परिवादी मोहम्मद शोएब निवासी मालपुरा ने ब्यूरो के यहां शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि टोरडी पुलिस चौकी के कांस्टेबल प्रेमराज ने उसके बजरी से भरे एक ट्रोले व ट्रैक्टर को प्रतिदिन बिना रोके गुजरने देने की एवज में एक महीने के 45000 रुपए की मांग की। शिकायत की पुष्टि की गई। इसमें सही पाए जाने के बाद बुधवार को मालपुरा से टोडारायसिंह की ओर जाने वाले मार्ग पर कल्याणपुरा मोड़ के निकट परिवादी ने कांस्टेबल प्रेमराज को पांच हजार ुरुपए की राशि पेशगी दे दी। इस दौरान परिवादी का इशारा पाकर ब्यूरो के दल मेेंं शामिल एएसआई वीरेन्द्र सिंह, कांस्टेबल राजेन्द्र कुमार, मोहम्मद नाहिद, भरत, गजेन्द्र व मोहम्मद जावेद ने कांस्टेब को रंगे-हाथ गिरफ्तार कर लिया तथा उसे मालपुरा पुलिस थाने लाया गया। थाने में आरोपित के बयान लेकर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई। उन्होंने बताया कि मामले की पूछताछ में उच्चाधिकारियों की भूमिका की सम्भावना है, जो जांच के बाद सामने आएगा।
विभाग की दो दिन में दूसरी कार्रवाई
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने इससे एक दिन पहले मंगलवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहायक निदेशक कार्यालय के अनुकम्पा पर छह वर्ष पूर्व नियुक्त कनिष्ठ लिपिक को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। मामले में गिरफ्तार आरोपी कनिष्ठ लिपिक सरफराज आलम पुत्र बाबू खां है। एक परिवादी ने सोमवार को ब्यूरो में परिवाद पेश किया था कि उसे बाल आश्रम खोलना है। इसके लिए उसने आवेदन-पत्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में लगाया था। इस आवेदन की फाइल को जयपुर स्थित मुख्यालय में भेजकर स्वीकृत कराने की एवज में सरफराज ने परिवादी से 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। ऐसे में गत दिनों परिवादी ने 6 हजार रुपए सरफराज को दे दिए और बाकी बचे 4 हजार रुपए मंगलवार को देना तय हुआ।
इस बीच परिवादी ने सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के समक्ष परिवाद पेश कर दिया। ब्यूरो ने मामले का सत्यापन किया और आरोपी को पकडऩे के लिए रंग लगे नोट देकर परिवादी को भेज दिया। तय योजना के तहत परिवादी ने उक्त रुपए कनिष्ठ लिपिक को दे दिए। कुछ देर बाद ही पहुंची ब्यूरो की टीम ने आरोपी कनिष्ठ लिपिक को पकड़ लिया और उसके पास से रंग लगे नोट बरामद कर लिए। बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो