टोंक

ट्रक की क्षमता 20 टन, रवन्ना काटा 44 टन का

बजरी से भरे ट्रकों की क्षमता तो 20 टन है, लेकिन अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही के चलते निलाम की गई बजरी को ट्रक में 44 टन से अधिक भरकर भेजी जा रही है। जबकि यह नियमों के खिलाफ है।

टोंकJul 03, 2020 / 08:50 am

Vijay

ट्रक की क्षमता 20 टन, रवन्ना काटा 44 टन का

टोंक. सडक़ों पर दौडऩे वाले ओवर वाहनों पर कार्रवाई को लेकर जहां कोर्ट और सरकार ने आदेश किए हैं, वहीं निचले स्तर पर इसकी अनदेखी की जा रही है। अनदेखी भी सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनास नदी पर लगी बजरी खनन की रोक मामले में की जा रही है। बजरी परिवहन की कार्रवाई के दौरान जब्त की गई बजरी को नीलाम किया जाता है। इस नीलामी के बाद खनिज विभाग सरकार की ओर से रवन्ना काटता है।

सरकारी आदेशों के मुताबिक ट्रक की वजन क्षमता के मुताबिक ही उसमें बजरी भरनी चाहिए, लेकिन टोंक जिले में नीलाम की गई बजरी दो गुना से अधिक ट्रकों में भरकर भेजी जा रही है। इससे सडक़ों का पूर्ण रूप से जहां नुकसान हो रही है। वहीं सरकार के आदेशों की अवहेलना भी हो रही है। ऐसा ही मामला गुरुवार को सामने आया है।
खनिज विभाग ने बजरी से भरे वाहनों से बजरी जब्त की बनास नदी के समीप के गांव डोडवाडी में ढेर लगाए थे। इसकी गत दिनों नीलामी की गई थी। यहां बजरी से भरने वाले ट्रकों की क्षमता तो 20 टन है, लेकिन अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही के चलते उस ट्रक में 44 टन से अधिक बजरी भरकर भेजी जा रही है। जबकि यह नियमों के खिलाफ है।

यह भी मिलती है शिकायतें : प्रशासन के पास यह भी शिकायतें मिलती है कि रवन्ना कटवाने के बाद ट्रक चालक दूसरी जगह हाथों-हाथ ट्रक खाली कर बनास नदी में पहुंच जाता है और अवैध खनन वाली बजरी भरकर उसे गंत्वय स्थान तक उसी रवन्ना को दिखाता हुआ पहुंच जाता है। ऐसे में एक रवन्ना से दो बार बजरी का परिवहन भी करता है। हालांकि रवन्ना काटते समय खनिज विभाग की ओर से क्षमता तथा समय दिया जाता है, लेकिन 8 से 10 घंटे के अंतराल में चालक कई बार स्वयं को फंसा हुआ बताकर उस रवन्ने से दो बार ट्रक ले जाता है।
जब्त स्टॉक की नीलामी पर बजरी भरने पहुंचे वाहन
पीपलू(रा.क.). एसआईटी की कार्रवाई में डोडवाड़ी में जब्त बजरी के स्टॉक की नीलामी होने पर डंपर, ट्रेलर के बजरी भरने पहुंचने पर ग्रामीणों ने वाहनों को रुकवाते हुए विरोध करना शुरु कर दिया। ग्रामीणों ने नीलामी के अतिरिक्त भी अवैध बजरी खनन कर परिवहन करने आदि का आरोप लगाते हुए इसका विरोध शुरु किया हैं। इस पर नीलामी छुड़ाने वाले ने ग्रामीणों को जिला कलक्टर के आदेश सहित कई कागज दिखाते हुए बात कराने आदि की बाते कहीं।
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