scriptबनास की बजरी पर माफिया की नजर , प्रदेश के कई जिलों के खननकर्ता बनास में कूदे | Banas mines under watch of mining mafia in many districts | Patrika News

बनास की बजरी पर माफिया की नजर , प्रदेश के कई जिलों के खननकर्ता बनास में कूदे

locationटोंकPublished: Sep 05, 2019 09:44:40 am

Submitted by:

pawan sharma

Illegal gravel mining: सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बनास नदी में बजरी खनन के लिए अंधाधुंध खनन किया गया। मांग बढऩे पर प्रदेश के कई जिलों के खननकर्ता भी टोंक स्थित बनास नदी में बजरी खनन के लिए कूद गए।

बनास की बजरी पर माफिया की नजर , प्रदेश के कई जिलों के खननकर्ता बनास में कूदे

बनास की बजरी पर माफिया की नजर , प्रदेश के कई जिलों के खननकर्ता बनास में कूदे

टोंक. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बनास नदी में बजरी खनन के लिए अंधाधुंध खनन किया गया। शुरुआत में तो टोंक जिलेभर के खननकर्ता बनास नदी में पहुंच गए। मांग बढऩे पर प्रदेश के कई जिलों के खननकर्ता भी टोंक स्थित बनास नदी में बजरी खनन के लिए कूद गए। चौंकाने वाली बात ये है कि सर्वाधिक खननकर्ता जयपुर जिले से थे।
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इसके अलावा सीकर, नागौर, दौसा, अजमेर तथा बूंदी जिले से भी खननकर्ता बनास नदी में पहुंचे और सोना रूपी बजरी का जमकर खनन किया। इसकी जानकारी खनिज विभाग की ओर से किए गए जुर्माने से चलती है। विभाग ने खननकर्ताओं के वाहन पकड़े तो चौंकाने वाले आंकड़े थे।
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सर्वाधिक वाहन जयपुर जिले के थे, जो बजरी खनन में पकड़े गए। अगस्त में ही जयपुर के 125, सीकर 22, बूंदी के 20, नागौर के 20 तथा टोंक जिले के 15 वाहन पकड़े गए। इनमें ट्रैक्टर-ट्रॉली पर 25 हजार तथा ट्रक व डम्पर पर एक लाख रुपए तथा 400 रुपए टन के हिसाब से बजरी का जुर्माना किया गया।

बरसात ने लगा दिए ब्रेक
बनास नदी में बरसात के बाद आए पानी के चलते बजरी खनन पर इन दिनों ब्रेक लगे हुए हैं, लेकिन पूर्णरूप से बजरी खनन बंद नहीं हुआ है। अभी कई स्थानों पर बनास के किनारों पर खनन किया जा रहा है। इसकी लगातार शिकायतें मिलती रहती है।
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वहीं खननकर्ताओं ने बनास नदी में पानी आने से पहले ही कईगांवों में सिवायचक तथा सरकारी भूमि पर बजरी का भण्डारण कर लिया है। यहां से बजरी भरकर जा रही है। गत दिनों डोडवाडी स्कूल परिसर में बजरी के ढेर लगा दिए गए। इसकी शिकायत के बावजूद प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में यहां से बजरी का परिवहन लगातार जारी रहा।

रातभर दौड़ते हैं ट्रक
हालांकि बजरी खनन पर अंकुश लगाने के लिए टीम का गठन किया जा चुका है, लेकिन बजरी परिवहन बंद नहीं हुआ है। रात 12 बजे से 4 बजे तक बजरी से भरे वाहन सडक़ों पर सरपट दौड़ते हैं। इन पर रोक लगाने वाली टीम कागजों में सिमटी रहती है। ये ट्रक टोंक बनास तथा समीप के गांवों से पीपलू, राणोली, फागी, बगरू, दूदू होते हुए नागौर तथा जयपुर तक पहुंच रही है। वहीं जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी बजरी से भरे वाहन देर रात दौड़ते रहते हैं।
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