इस दौरान कडक़ती बिजली के साथ तेज रफ्तार से तूफानी हवाएं चली। शहर में दर्जनों स्थानों पर पेड़ व टहनिया टूटकर गिर गई। राजकीय महाविद्यालय के समीप खड़ा बिजली का खम्भा महाविद्यालय की दीवार पर गिर गया। विद्युत निगम कार्यालय के समीप ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गया।
इस दौरान देर रात तक बिजली व्यवस्था ठप रही। वहीं तेज मूसलाधार बारिश शहर की सडक़े, नाले व सरकारी कार्यालय बरसाती पानी से लबालब हो गए। शुक्रवार सुबह मूसलाधार बारिश ने फिर से जोर पकड़ लिया। सुबह 7 बजे से शुरू हुई तेज बारिश दिनभर कई दौर में चलती रही।
इधर, सीआइएसएफ रोड स्थित बिजली की लाइनों पर पेड़ों की टहनियों टूटकर गिर जाने से दिनभर बिजली व्यवस्था ठप रही। इससे पहले शहर में होने वाली सुबह की जलापूर्ति व्यवस्था ठप रही। बिजली नहीं आने से जलापूर्ति नहीं हो सकी तथा शहरवासी देर तक पानी आने का इंतजार करते रहे।
उधर, लगातार बारिश से पनवाड़ गांव में घरों में पानी भर गया। पनवाड़-चांदली मार्ग रपटे पर आएं पानी से फिर से बंद हो गया। गांव में तीन कच्चे मकान ध्वस्त हो गए। बोरड़ा गांव में बनास का पानी ऊंची बस्तियों में घुस गया। बनास का पानी मकानों को छू गया। यहां कई कच्चे मकान ध्वस्त हो गए, लेकिन मुआवजा मिलने के बावजूद ग्रामीण गांव खाली नहीं कर रहे है। मायला पोल्या गांव के बाहर रपटे पर पानी आने से ग्रामीण गांव में कैद रहे।
गलवा बांध की चादर चली
उनियारा. उपखण्ड के सबसे बड़े गलवा बांध की शुक्रवार दोपहर चादर चल गई । जानकारी अनुसार बांध की भराव क्षमता 20 फ ीट हो जाने के बाद बारिश होने से गलवा बांध की आधा इंच चादर चली। बांध की चादर चलने से वहां सैलानियों की भीड़ जमा हो गई। इस पर बांध पाळ पर पुलिस तैनात की गई। वहीं पाळ पर बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।