read more:नया चेहरा हो, जो विकास की अहमियत समझे हालांकि नगर परिषद चुनाव को लेकर लोग इन दिनों चर्चाएं कर रहे हैं। इसमें आने वाले पार्षद की गुणवत्ता को भी देखा जा रहा है। पूर्व पार्षद धर्मेन्द्र सिंह राजावत ने कहा कि नगर परिषद चुनाव में इस बार शहर के वार्ड 45 से 60 कर दिए हैं। इससे अधिक लोगों को नगर परिषद के बोर्ड में शामिल होने का मौका मिलेगा, लेकिन इस बोर्ड में ऐसे लोग शामिल होने चाहिए, जो अनुभव रखते हो।
read more:Changemaker 2.0 : समस्याओं पर खुलकर बोले मतदाता वार्डवासियों को चाहिए कि वे ऐसा जनप्रतिनिधि चुने जो स्थानीय के साथ विकास को प्राथमिकता देने वाला हो। पूर्व पार्षद राजीव अग्रवाल ने कहा कि जो भी पार्षद चुनाव मैदान में आए वो योग्यताधारी हो। पूर्व पार्षद पति रामदेव गुर्जर ने कहा कि साफ छवि वाले को वार्ड पार्षद के लिए प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
एडवोकेट हिम्मतसिंह राजावत ने कहा कि चुनाव में लोगों को किसी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आकर अनुभवी व विकास कराने वाले पार्षद को चुनना होगा, जो क्षेत्र का विकास करा सके। हालांकि कईबार ऐसा हो जाता है कि लोग भावनाओं में बहकर ऐसे जनप्रतिनिधि को चुन लेते हैं, जो पूर्णरूप से क्षेत्र के मुद्दे नहीं उठा पाते।
ऐसे में विकास नहीं हो पाता है। व्यापारी धर्मेन्द्र गुप्ता ने कहा कि वार्ड के विकास के लिए पार्षद की भूमिका अहम होती है। ऐसे में पार्षद का चुनाव विकास को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए। पूर्व पार्षद जे.पी. शर्मा ने कहा कि इस बार चुने जाने वाला बोर्ड बेहतर हो, इसके लिए जनता को भी चाहिए कि वह सोच-समझकर विकास कराने वाले योग्य पार्षद ही चुने। पार्टियों को भी अनुभव के आधार पर टिकट का वितरण करना चाहिए। इससे पार्टी की छवि भी धूमिल नहीं होगी। इस दौरान सोनू कुमावत, कमलेश यादव, बी. एल. कुमावत व लियाकत अली कायमखानी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।