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6 महीने से नहीं मिला कोई बजट, जिला प्रभारी मंत्री के विभाग में शुभ शक्ति योजना अभिभावकों की घिसा रही है चप्पल

locationटोंकPublished: Mar 23, 2019 11:46:42 am

Submitted by:

pawan sharma

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6 महीने से नहीं मिला कोई बजट, जिला प्रभारी मंत्री के विभाग में शुभ शक्ति योजना अभिभावकों की घिसा रही है चप्पल

जलालुद्दीन खान

टोंक. श्रमिकों की बेटियों की शादी में सहायता उपलब्ध कराने के लिए जिले के श्रम विभाग में चल रही शुभ शक्ति योजना अभिभावकों की चप्पल घिसा रही है। इस योजना में बेटी की शादी के लिए मिलने वाली राशि के लिए लोग गत 6 महीने से विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें राशि बजट के अभाव में नहीं मिल रही है।
जबकि इस विभाग के मंत्री टीकाराम जूली जिले के प्रभारी मंत्री भी है। उन्होंने गत दिनों जिला अधिकारियों की ली बैठक में योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक बैठे लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे, लेकिन श्रम विभाग में योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी 6 महीने से चक्कर पे चक्कर लगा रहे हैं।
आलम ये है कि श्रम विभाग ने इस योजना का लाभ लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए आवेदन भी ले लिए। उन्होंने सत्यापित भी कर लिया गया, लेकिन राशि इस लिए नहीं दी जा रही है कि उनके पास बजट नहीं है। ऐसे में ये आवेदन लगातार बढकऱ अब करीब साढ़े चार सौ हो गए हैं।
ऐसे ही हाल छात्रवृत्ति सहायता, प्रसूती सहायता, घायल-मृत्यु सहायता, भवन निर्माण व टूल किट योजना के हैं। जहां लोगों को राशि नहीं दी जा रही है।

श्रम विभाग की ओर से प्रसूता योजना में बेटा होने पर 20 हजार, बेटी होने पर 21 हजार, घायल को 20 हजार तथा सामान्य व दुर्घटना में मृत्यु होने पर एक से 5 लाख रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है। भवन निर्माण के लिए अनुदान तथा श्रमिकों को टूल खरीदने के लिए दो हजार रुपए दिए जाते हैं।

55 हजार मिलती है राशि
शुभ शक्ति योजना में श्रमिक को बेटी की शादी के लिए 55 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके लिए ई-मित्र से श्रम विभाग में ऑन लाइन आवेदन किया जाता है। इस आवेदन की स्वीकृति श्रम विभाग की ओर से की जाती है।
इसके बाद भौतिक सत्यापन कर लाभार्थी को ये राशि दी जाती है। इसमें विवाह वाली पुत्री की उम्र 18 साल तथा शैक्षणिक योग्यता 8वीं कक्षा होनी चाहिए। साथ ही तीन महीने के कार्यकरने का अनुभव परिजनों को होना चाहिए।

केस एक
सितम्बर में बेटी के विवाह में राशि लेने के लिए श्रम विभाग में आवेदन किया था। अब तक राशि नहीं मिली। कई बार श्रम विभाग के चक्कर लगाए। अधिकारी-कर्मचारी बजट नहीं होने का कहकर भेज देते हैं।
– राशिद खान, कालीपलटन टोंक


केस दो
अक्टूबर में श्रम विभाग में आवेदन किया था। अभी तक राशि नहीं मिली। कई बार विभाग में आ चुके हैं। हर बार अगले महीने राशि देने को कह दिया जाता है।
– रामलाल निवासी देवली

केस तीन
आवेदन किए चार महीने बीत गए, लेकिन श्रम विभाग में अधिकारी-कर्मचारी अगले महीने राशि देने को कहकर भेज देते हैं। अब तक विभाग आने के लिए भी थक चुके हैं।
– नईम खां निवासी बड़ा कुआं

केस चार
श्रम विभाग में जाते हैं तो अधिकारी राशि देने के लिए मना नहीं करते, लेकिन राशि देते भी नहीं है। कह देते हैं अभी आईनहीं है। अगली बार आना। पांच महीने से विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। कोई सुनवाई करने वाला भी नहीं है।
– मोहनलाल, निवासी छावनी
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के बाद से योजना में भुगतान बंद है। बजट भी नहीं आया है। अब लोक सभा चुनाव के बाद की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। फिलहाल पूरे राज्य में योजना में भुगतान नहीं हुआ है।
नमोनारायण, श्रम निरीक्षक, श्रम विभाग, टोंक
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