इधर, वन विभाग की ओर से लगभग 2008 में बीसलपुर वन क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए अलग अलग खण्ड में बांटकर आरक्षित व रक्षित वन क्षेत्र घोषित दिया। वहीं विकास कार्य को लेकर कंजर्वेशन रिजर्व का गठन किया गया। कंजर्वेशन रिजर्व के गठन के बाद भी आज तक वन विभाग के पास बजट नहीं आने के चलते विकास कार्य शुरू तक नहीं हो सके है।
समिति का किया था गठन वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 2008 में कंजर्वेशन रिजर्व का गठन कर वन क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर करीबी राजमहल, थड़ोली, बोटून्दा सरपंचों को समिति में शामिल किया गया था। वहीं इसी के साथ देवली व टोंक रेंजर, पशु चिकित्साधिकारी, नगर पालिका के चेयरमैन के साथ ही एनजीओ को भी रिजर्व समिति मेें शामिल किया गया है, जो बीसलपुर में अब तक वन क्षेत्र विकास के विकास को लेकर सैकड़ों बैठके कर चुके है।
विकास कार्य को अंजाम देने के लिए दर्जनों योजना भी बनाई जा चुकी है, लेकिन बजट के अभाव में सभी योजना कागजी खानापूर्ति साबित हो रही है। उल्लेखनीय है कि वन क्षेत्र की देवली रेंज से लेकर टोडारायसिंह उपखण्ड क्षेत्र के करीब 4 हजार हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र में कंजर्वेशन रिजर्व के तहत अभारण्य बनाकर वन क्षेत्र में विकास कार्य के साथ ही वन्य जीवों की सुरक्षा करना व पर्यटन को बढ़ावा देना आदि कार्य शामिल है।
लेकिन इस ओर ना तो वन विभाग के आला अधिकारियों ने ध्यान दिया ओर ना ही प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने कभी गौर किया, जिससे कंजर्वेशन रिजर्व योजना के तहत बीसलपुर में अभारण्य का बनाने कार्य एक सपना बनकर रह गया। वहीं रिजर्व समिति के सदस्यों की बैठकों के दौरान विकास कार्य की योजना बनाने तक सिमट कर रह गया। इधर 2004 से लेकर अब तक विकास कार्य शुरू नहीं होने के कारण योजना के तहत होने वाले विकास कार्य के दौरान व्यय होने वाली राशी दिनोंदिन बढ़ती महंगाई के चलते चार गुना से भी अधिक हो गई है।
यह होने है विकास कार्य बीसलपुर वन क्षेत्र में कंजर्वेशन रिजर्व योजना के तहत वन सम्पदा को सुरक्षित रखने, पर्यटन को बढ़ावा देने व वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर वन क्षेत्र में चार दिवारी निर्माण, एनिकट, वॉच टॉवर निर्माण, कच्ची सडक़े, नेचर पार्क, जैव विविधता संरक्षण, रोप-वे लगाने, वन विभाग की चोकियां स्थापित करने आदि विकास कार्य शामिल है।
यह क्षेत्र है घोषित
बीसलपुर कंजर्वेशन रिजर्व योजना के तहत देवली रेंज में राजमहल, वन खण्ड माता जी रावता, ककोडिय़ा, आरक्षित वन क्षेत्र पातलियां की डूंगरी सहित लगभग 1163.64 हैक्टेयर वन क्षेत्र शामिल है। इसी प्रकार टोडारायसिंह की ओर बस्सी, रामपुरा,बोटून्दा, डूब क्षेत्र बीसलपुर, थड़ोली के करीब आदि वन क्षेत्र का 3667.13 हैक्टयर वन क्षेत्र शामिल है।
बीसलपुर कंजर्वेशन रिजर्व की अलग से रेंज बनने व सृजित पदों पर कार्मिकों के तैनात होने के बाद अब विकास की कुछ उम्मीद जगी है। 2018 से लगातार 3.50 करोड़ के उक्त बजट के लिए प्रयासरत है। जल्दी बीसलपुर वन में विकास कार्य शुरू होने की संम्भावना है।
जहुर हसन, क्षेत्रिय वन अधिकारी बीसलपुर कंजर्वेशन रिजर्व बीसलपुर।
बीसलपुर कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र को विकसित करने के लिए क्षेत्रीय विधायक से भी सम्पर्क किया गया है। वहीं कुछ दिनों में क्षेत्र से विलायती बबूल कटवाए जाएंगे।
श्रवण रेड्डी, जिला वन अधिकारी, टोंक