मानसून की बेरुखी के बीच बीसलपुर बांध में पर्याप्त पानी की आवक नहीं होने से पेयजल योजना संकट के दौर से गुजर रही है। इधर, पानी की सीमितता के बीच चिंतित विभागीय अधिकारी बार-बार बैठकें आयोजित कर अब तक बीसलपुर से जयपुर जलापूर्ति में 40 फीसदी कटौती की है।
ज्ञात रहे पूर्व में बीसलपुर से जयपुर को 480 एमएलडी जलापूर्ति की जाती थी। जबकि आंशिक कटौती से शुरूआत कर संग्रहित पानी को, आगामी मानसून (जुलाई-अगस्त) तक सदुपयोग करने की योजना में अब तक170 एमएलडी पानी की कटौती की गई है।
गत 29 अगस्त की रात 12 बजे से पूर्वत: आंशिक कटौती को बढ़ाकर, जलापूर्ति में 20 फीसदी कटौती की थी। इसके बाद जयपुर समेत अन्य कस्बे तथा ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की विकट स्थिति बनने लगी है।
विभागीय स्तर गर्मी में पानी की विकट स्थिति को देखते हुए दिसम्बर माह के प्रथम पखवाड़े में 10 फीसदी कटौती करते हुए जयपुर में 360 के स्थान पर 330 एमएलडी तथा अब 20 एमएलडी कटौती कर सिर्फ 310 एमएलडी आपूर्ति की जा रही है।
इधर, बीसलपुर पीएचईडी विभागीय अनुसार बीस प्रतिशत कटोती करने के बाद वर्तमान में सुरजपुरा फिल्टर प्लांट से झिराना- निवाई-चाकसू तथा टोडा-मालपुरा-दूदू-पचेवर में 36-36 एमएलडी के स्थान पर 30-30 एमलएडी जलापूर्ति तथा बीसलपुर बांध से अजमेर में 265 के स्थान पर 250 तथा राजमहल में 15 एमलएलडी जलापूर्ति की जा रही है। उक्त आपूर्ति को यथावत रखते हुए बांध में 15 अगस्त तक जलापूर्ति की जा सकेगी।
279 नए ट्यूबवेलों की होगी खुदाई
पेयजल संकट की स्थिति से निपटने के लिए विभागीय स्तर पर जयपुर शहर के 8 डिविजनों में करीब 5 करोड़ की लागत से 250 पुराने जल स्त्रोंतो (ट्यूबवेल) व पाइप लाइनों को दूरस्त करवा कर 40 एमलएडी भूजल से आपूर्ति शुरू की है।
यहीं नहीं विभाग ने राजधानी में करीब 30 करोड़ की लागत से नए 279 ट्यूबवेल व पाइप लाइनें बिछाकर करीब 40-50 एमएलडी का इजाफा करने की योजना में है। पारम्परिक जलस्त्रोतों से विभाग, क्षेत्र की पेयजल की किसी भी स्थिति को निपटने में सक्षम होगा।