सोमवार को बीसलपुर के गेट खोले जाने के साथ ही बनास नदी में तेज प्रवाह के साथ पानी की आवक शुरू हो गई है। इससे पहले तक बारिश में बजरी माफिया की ओर से किए गड्ढे ही भरे थे, लेकिन अब पानी जैसे-जैसे प्रवाह के साथ आगे बढ़ेगा अपने साथ बजरी भी लेता हुआ आएगा और इन गड्ढों को भरेगा।
read more: बीसलपुर बांध भरते ही नेताओं की जरूरतों की खुली पोटली, फिर अफसरों की बदलती गई प्राथमिकता वहीं बजरी माफिया द्वारा पूर्व में नदी में किए गए गड्ढों को भर देेगा। इससे बनास नदी में जांच होने पर कई मीटर गहरे किए गए गड्ढों को भी पता नहीं चल सकेगा। वहीं पानी सूखने पर बनास नदी में बजरी पूर्व की भांति ही नजर आएगी।
16 नवम्बर 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश Order of supreme court से बजरी खनन Gravel mining पर रोक आदेश के बाद बनास नदी में बेतहाशा खनन हुआ है। इसका खुलासा पुलिस व खनिज विभाग Police and Mineral Department की ओर से की गई कार्रवाई के आकड़ों से भी होता है।
बनास नदी में ककराज कलां, जेबाडिय़ा, मुण्डिया, देवली-भांची, भण्डावर, राजमहल, छान, संथली-बंथली में कई मीटर गहरे गड्ढे खनन से हो गए थे। पण्डेर से बांध में पानी आने पर बीसलपुर तक के गड्ढे तो हर वर्ष भर रहे थे, लेकिन तीन साल बाद बांध का पानी निकलने पर सवाई माधोपुर में खण्डार नदी तक बनास के गड्ढे बजरी से भर जाएंगे।
500 गांवों में बढ़़ेगा जल स्तर
बीसलपुर बांध से पानी छोड़े जाने का लाभ पांच सौ गांवों के किसानों को भी मिलेगा। सिंचाई विभाग के अभियंताओं के अनुसार बांध से जिले की सीमा तक बनास नदी के आधा किलोमीटर तक करीब पांच सौ गांव पड़ते है। बांध का पानी प्रवाहित होने के साथ ही उक्त गांवों में भू जल स्तर बढ़ जाता है। कुओं में काफी उपर तक पानी आ जाता है।