इस दौरान अकबर ने चेतावनी दी कि यदि टोंक रेल भूमि अवाप्ति की घोषणा नहीं की गई तो मंत्रियों का समेत अन्य जनप्रतिनिधियों का पुतला जलाया जाएगा। ये चेतावनी रेल संघर्षसमिति ने गत दिनों भी रेल मंत्री का पुतला जलाकर दी थी। अब समिति अन्य जनप्रतिनिधियों का भी पुतला जलाएगी।
अकबर ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने टोंक के लिए रेल स्वीकृत की थी। इसके बाद भाजपा सरकार को आए साढ़े चार साल गुजर गए, लेकिन भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया नहीं की गई। इसके चलते टोंक को रेल से जोडऩे में देरी हो रही है।
जबकि चुनाव से पहले वादे किए गए थे कि सरकार बनने के बाद रेल का कार्य शुरू करा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। इससे लोगों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि जिले के चारों विधायक मिलकर मुख्यमंत्री से मांग रखें तो टोंक रेल भूमि अवाप्ति की घोषणा हो सकती है।
इस दौरान कयामुद्दीन रंगरेज, अशोक विश्नोई, भजन लाल, रामकिशन, रामदयाल चौधरी, राकेश गुर्जर, कैलाश गुर्जर, रानी देवी, सीता देवी, कैलाशी, लक्ष्मी, सुनीता, शिवराज गुर्जर, मोहम्मद इशाक सहित कई लोगशामिल थे। शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन
विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले शिक्षकों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया।
संगठन के प्रदेश संरक्षक सैयद मेहमूद शाह, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष जसवंतसिंह नरूका, संयुक्त महासंघ के जिलाध्यक्ष रामनारायण चौधरी, धनराज सिंह राजावत, हंसराज चौधरी, उपेन्द्रनारायण शर्मा, मोहम्मद इरफान, मोहम्मद इस्लाम नागौरी आादि ने बताया कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है। इससे उनमें नाराजगी है। उन्होंने 21 सूत्री मांगों का निस्तारण करने की मांग की है।