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बोरड़ा गणेश बन रहा आकर्षण का केन्द्र, बनास नदी व प्राकृतिक छटा से आकर्षित होते पर्यटक

locationटोंकPublished: Aug 27, 2018 08:52:03 am

Submitted by:

pawan sharma

बनास नदी किनारे स्थित बोरड़ा गांव स्थित सालों पुराने भगवान गणेश का मन्दिर क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र है। जहां हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर मेले का आयोजन होता है।
 

Borada Ganesh Temple

देवली के बोरड़ा गणेश स्थित बनास नदी का नजारा।

देवली. बनास नदी के तट स्थित क्षेत्र का बोरड़ा गणेश मन्दिर धीरे-धीरे पर्यटन के रूप में विकसित होता जा रहा है। धार्मिक आस्था के साथ नदी किनारे होने के चलते पर्यटकों का बोरड़ा गणेश मन्दिर की तरफ रुझान बढ़ता जा रहा है। इसके चलते प्रतिदिन पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
यहां हर मौसम में लोगों की आवाजाही रहती है। बनास नदी किनारे स्थित बोरड़ा गांव स्थित सालों पुराने भगवान गणेश का मन्दिर क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र है। जहां हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर मेले का आयोजन होता है। इस साल 13 सितम्बर को मेले का आयोजन होगा।
इसे लेकर समिति ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। भगवान गणेश की प्राचीन प्रतिमा के दर्शन के साथ ही बनास नदी का सुन्दर नजारा लोगों को आकर्षित कर रहा है। वहीं नदी में नौकायन लोगों की पसंद बन रही है।
यहां स्थित सभागार तेज बारिश में भोजन व आयोजन की दृष्टि से उपुयक्त साबित हो रहा है। इसके अलावा सुविधाओं युक्त भोजनशाला भी निर्मित हुई। जहां एक दर्जन से अधिक रसोइयां बनाई जा सकती है। विपरीत मौसम में भी सैंकड़ों लोगों के भोजन करने की व्यवस्था है।
पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मन्दिर समिति ने करीब आधा दर्जन नई दुकानें तैयार करवाई है। इससे लोगों को सभी आवश्यक वस्तुएं मिल सके। यही कारण है कि बीसलपुर की अपेक्षा क्षेत्रवासी बोरड़ा गणेश मन्दिर परिसर में आयोजन करना अधिक पसंद करते हैं। शहर से नजदीकी होने के चलते लोग यहां जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगाठ, सेवानिवृति भोज व प्रसादी कार्यक्रम करने अधिक रुचि रखते हैं।

ऐसे है अलग पहचान
बोरड़ा गणेश मन्दिर की प्राकृतिक छटां इसे अन्य धाॢमक स्थलों के अलग पहचान दिलाती है। बनास नदी किनारे होने से यह बहुत रमणीय व प्राकृतिक स्थल है। इसी वजह से क्षेत्र के दर्जनों लोग सुबह-शाम भ्रमण के लिहाज से यहां आते है।
समूचा क्षेत्र हरियाली से युक्त होने से मन को आकर्षित करता है। शाम के दौरान पहाडिय़ों के पीछे अस्त होता सूर्य भी आबू पर्वत के सनसेट प्वाइंट के समान दिखाई देता है। लिहाजा श्रद्धालु व पर्यटकों को यह स्थल खींच रहा है।
इसके अलावा मन्दिर परिसर में बना उद्यान भी पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक साबित हो रहा है। यहां लगे झूले-चकरिया, बैठक व्यवस्था व हरी घास लोगों को लुभा रही है।

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