इसमें कहा कि 12 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिलेभर में किया जाएगा। इसमें सभी मामले एक ही न्यायालय में होंगे। ऐसे में उनकी मांग है कि लोक अदालत में उनकी बैंच अलग से हो। उन्होंने बताया कि राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 एवं राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1958 के अन्तर्गत विभिन्न राजस्व मामले आते हैं।
इसमें वाद, प्रार्थना पत्र, अपील, रिविजन, रिव्यू का श्रवणाधिकार एवं क्षेत्राधिकार केवल संबंधित राजस्व अधिकारी को ही होने से सिविल न्यायालयों का इस बाबत क्षेत्राधिकार पूर्णत: विधि वर्जित है। राजस्व न्यायालयों की नियन्त्रण एवं निर्देशन शक्ति राजस्व मण्डल में ही निहित होने से 12 मार्च को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए सिविल न्यायालय एवं राजस्व न्यायालय के अधिकारियों की संयुक्त अध्यक्षता सदस्यता वाली बैंच की अपेक्षा संबंधित राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारी की अध्यक्षता में लोक अदालत बैंच का गठन करवाया जाए।
किसी स्थान विशेष की अपेक्षा संबंधित राजस्व न्यायालय क्षेत्र में ही शिविर का आयोजन करवाया जाए। इससे राजस्व न्यायालय संबंधी प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जा सके तथा काश्तकारों को अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो सके।
लेखाकार ने दिया धरना, रैली निकाल सौंपा ज्ञापन
विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान अकाउंटेंट एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को घंटाघर के समीप धरना दिया गया। इसके बाद रैली निकाल कर वो लोग कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान अकाउंटेंट एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को घंटाघर के समीप धरना दिया गया। इसके बाद रैली निकाल कर वो लोग कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इसमें बताया कि स्थानीय निधि संस्थाओं, बोर्ड, निगम,स्वायतशासी संस्थाओं में विभागीय आंतरिक अंकेक्षण, पेंशन, वेतन स्थिरीकरण, बजट नियंत्रण आदि महत्वपूर्ण कार्यों का दायित्व लेखा संवर्ग को सौंपा गया है। उन्होंने कनिष्ठ लेखाकार की ग्रेड पे 3600 के स्थान पर ग्रेड पे 4200 की जाए, राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा में तीन पद है. कनिष्ठ लेखाकार, सहायक लेखाधिकारी ग्रेड द्वितीय एवं सहायक लेखा अधिकारी ग्रेड प्रथम। इस लेखा सेवा में न्यूनतम पद कनिष्ठ लेखाकार का है।
जिसका चयन रचना राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा नियम 1963 के तहत राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से किया जाता है। इस पद का वेतनमान इसकी निर्धारित योग्यता एवं राजकीय कार्यों के प्रति उतरदायित्व को देखते हुए राज्य सरकार में कनिष्ठ लेखाकार के समकक्ष पदों से कम है।
उन्होंने विभिन्न समस्याओं का समाधान कराने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष नवलकिशोर पारीक, मोहम्मद ताहिर, ज्ञानचंद जैन, रामगोपाल, राजूलाल, रघुनंदन, सुरेश चौधरी आदि शामिल थे।