धरने पर बैठे विधायक हरीश मीणा और गोपीचंद से वार्ता के लिए सरकार ने केबिनेट मंत्री रमेश मीणा व विधायक वेदप्रकाश सोलंकी को भेजा गया था। इनकी लंबी चली वार्ता के बाद मृतक की पत्नी को दो माह के अंदर चतुर्थ श्रेणी की स्थानीय निकाय विभाग में नौकरी दिए जाने और पोस्टमार्टम के बाद मामला दर्ज कर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सीआईडी-सीबी से जांच कराए जाने के सरकार से मिले आश्वासन के बाद धरना समाप्त करने का एलान किया गया।
इस दौरान केबिनेट मंत्री रमेश मीणा ने मृतक की पत्नी को अपने वेतन से 2 लाख रुपए की नकद सहायता भी उपलब्ध कराई। दोपहर करीब 4 बजे पहुंचे खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने सबसे पहले जिला कलक्टर आरसी ढेनवाल व पुलिस अधीक्षक चूनाराम से स्थिति की जानकारी ली।
बाद में वे धरना स्थल पर पहुंचे और धरने पर बैठे विधायकों से लम्बी वार्ता चली। रात करीब साढ़े 8 बजे सहमति बनी। इसके बाद खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने विधायक हरीश मीणा और गोपीचंद को ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।
मंत्री ने कहा कि मृतक का मंगलवार सुबह मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके बाद मामला दर्ज कर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच की कार्रवाई होगी। मृतका की पत्नी को दो माह में सरकारी नौकरी मिलेगी।
मंत्री के इस आश्वासन की जानकारी विधायक हरीश मीणा ने धरने पर बैठे ग्रामीणों को दी और कहा की उनकी सभी मांगों को मान लिया गया है।
हालांकि पहले मंत्री मीणा ने कहा था कि शव का पहले मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा कर दाह संस्कार करवाया जाएगा और दोष सिद्ध होने पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
इस पर धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने नौकरी से पहले पोस्टमार्टम नहीं करवाने की बात कह कर हल्ला कर दिया। लोगों ने पहले मौके का मुआयना करने के लिए कहा। इस पर मंत्री कलक्टर.एसपी के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और फिर ग्रामीणों से वार्ता कर मांगों को पूरा करने को लेकर आश्वस्त किया।
यह था मामला
उनियारा थाना पुलिस 28 मई को ट्रैक्टर-ट्रॉली का पीछा कर रही थी। पुलिस ने देर रात एक ट्रॉली को नगरफोर्ट थाना क्षेत्र में पकड़ लिया। इसमें चालक की मौत हो गई। ये चालक गांव फतेहगंज परासिया निवासी भजनलाल मीना था। सूचना के बाद पहुंचे परिजनों ने हत्या का आरोप लगा धरना शुरू कर दिया था। शनिवार से धरना अनशन में तब्दील कर दिया गया था।