गुरुवार रात को वन कर्मियों के साथ कई ग्रामीणों ने रात भर जागकर बघेरे की इंतजार में पिंजरे से थोड़ा दूर मचान पर बैठे रहे, लेकिन बघेरे का मूवमेंट नजर नहीं आया। गांव के मवेशियों को बघेरे द्वारा शिकार बनाए जाने से भयभीत ग्रामीणों को अपनी रक्षा करने के लिए गुरुवार को वन विभाग की टीम ने नोहटा मोड़ से कांटोली मोड़ तक माइक से ग्रामीणों सतर्क रहने के लिए जागरूक किया गया।
वन विभाग की टीम ने पूरे नोहटा गांव में बघेरे से बचने व रात में घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की। उल्लेखनीय रहे कि करीब एक वर्ष पूर्व भी नोहटा गांव की पहाडिय़ों में बघेरे ने डेरा डाल रखा था और दर्जनों मवेशियों व श्वानों को शिकार बनाया था। वन विभाग ने उस समय भी पिंजरा रखा था, लेकिन बघेरे ने रास्ता बदलकर बस्सी गांव की पहाडिय़ों में चला गया था। जहां भी दर्जन भर पशुओं का बघेरे ने शिकार किया था। जहां भी वन विभाग ने पिंजरा रखा, लेकिन बघेरा पिंजरे में कैद नहीं हो पाया।
वाहन की टक्कर दो भैंस घायल आवां. कस्बे में शाम को दूनी रोड घाटी के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से दो भैंस गंभीर रूप से घायल हो गई। जानकारी अनुसार पशु पालक राम किशन कुम्हार की भैंसें रोजाना की तरह जंगल में चरने गई थी। शाम को जंगल से वापस लौटते समय दूनी रोड स्थित घाटी में अज्ञात वाहन की टक्कर से 2 भैंस गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना से चालक वाहन लेकर फरार हो गया।