टोंक

सीएम से पुकार…किसानों को मिले खाद

खाद की किल्लत, कतार में लग रहे किसानजिले में नहीं आ रहा है पर्याप्त खादपुलिस को पड़ता है बुलानाअभी भी चाहिए 9 हजार मैट्रिक टनजरूरत है 30 हजार 500 मैट्रिक टनजलालुद्दीन खानटोंक. कृषि विभाग की अनदेखी का खामियाजा खाद के लिए किसानों को भुगतान पड़ रहा है। रबी की बुवाई में खाद की जरूरत होने पर किसान को अन्य काम छोड़कर अलसुबह से ही कतार में लगना पड़ रहा है।

टोंकNov 16, 2021 / 08:37 pm

jalaluddin khan

सीएम से पुकार…किसानों को मिले खाद

सीएम से पुकार…किसानों को मिले खाद
खाद की किल्लत, कतार में लग रहे किसान
जिले में नहीं आ रहा है पर्याप्त खाद
पुलिस को पड़ता है बुलाना
अभी भी चाहिए 9 हजार मैट्रिक टन
जरूरत है 30 हजार 500 मैट्रिक टन
जलालुद्दीन खान
टोंक. कृषि विभाग की अनदेखी का खामियाजा खाद के लिए किसानों को भुगतान पड़ रहा है। रबी की बुवाई में खाद की जरूरत होने पर किसान को अन्य काम छोड़कर अलसुबह से ही कतार में लगना पड़ रहा है।

इसमें भी किसान को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पाती है। मजबूरन उन्हें महंगे दाम पर अन्य खाद लेनी पड़ रही है। ऐसा हाल जिलेभर का है। टोंक, देवली व टोडारायसिंह में बुधवार को किसानों को कतार में लगना पड़ा। कई बार खाद की कमी के चलते किसान उमडऩे पर पुलिस की मदद लेनी पड़ती है। जबकि हर साल यह पता होता है कि रबी की बुवाई में खाद की कमी होती है। इसके बावजूद इसकी व्यवस्था नहीं की गई।

ऐसे में किसानों को रबी की बुवाई में परेशानी हो रही है। आलम यह है कि किसान का आधा परिवार दिनरात खेत में काम कर रहा है। वहीं आधे परिवार को खाद की जुगत लगानी पड़ रही है। इसके बावजूद किसी किसान को मिल रही है तो किसी को खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में रबी की बुवाई का लक्ष्य 398700 हैक्टेयर रखा गया है। इसमें सर्वाधिक करीब तीन लाख हैक्टेयर सरसों की बुवाई होने की उम्मीद है। जिले में रबी के लिए 30500 टन खाद की जरूरत है। जबकि अभी महज 21 हजार हजार टन ही खाद आया है।
बाजार स्थित खाद-बीज की दुकानों पर भी डिमांड अनुसार डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसान मायूस है। मजबूरन किसानों को एक गांव से दूसरे गांव व शहर तक दौड़ लगानी पड़ रही है। इसके बावजूद उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल रही है। इधर, किसानों का कहना है कि खेत में रबी की बुवाई के लिए वे लोग 15 कट्टे लेने जाते हैं, लेकिन उन्हें जीएसएस या फिर दुकान पर महज 3 से 4 कट्टे ही मिल रहे हैं।
इन्हें लेने में भी दो से तीन दिन लग रहे हैं। ऐसे में जिले में किसानों की कतारे बढऩे लगी है। इस साल जिले में औसत से अच्छी बरसात हुई है। ऐसे में जिले के तालाब, बांध व फार्मपोंड में पानी जमा है। ऐसे में लक्ष्य से अधिक बुवाई की उम्मीद है। इसके चलते कृषि विभाग ने जिले में करीब 3 लाख 98 हजार 700 हैक्टेयर में रबी बुवाई का लक्ष्य रखा है।

फिलहाल सरसों का लक्ष्य 2 लाख 55 हजार हैक्टेयर तय किया है, लेकिन कृषि विभाग को उम्मीद है कि सरसों की बुवाई 3 लाख हैक्टेयर के करीब होगी। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में गेहूं 42000, जौ 500, चना 85000, सरसों 255000, अन्य दलहन 1700 समेत अन्य फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक पिछले साल 27 हजार 221 मैट्रिक टन डीएपी जिले को मिला था, लेकिन इस साल काफी कम मिला है।

आपूर्ति करा रहे हैं
डीएपी की खाद की कमी जरूर है, लेकिन आपूर्ति कराई जा रही है। कोशिश करेंगे कि किसानों को परेशानी नहीं हो। अब तक 21 हजार मैट्रिक टन डीएपी खाद आ चुकी है।
– राजेन्द्र खण्डेलवाल, उपनिदेशक कृषि विस्तार विभाग टोंक
कतार में खड़े किसानो को बांटा खाद
टोडारायसिंह. खाद की किल्लत के बीच मंगलवार को कतार में खड़े किसानों को खाद वितरित किया गया। सहायक कृषि अधिकारी हरि सहाय शर्मा ने बताया कि उपखण्ड में खाद की आवक कम होने के साथ किसानो में खाद की मांग बढ़ रही है।

सरकारी कृषि सेवा केन्द्रो पर आपूर्ति नहीं होने पर नीजि कृषि सेवा केन्द्रों पर खाद की मारामारी बढ़ रही है। स्थिति यह है कि मंगलवार को नीजि कृषि सेवा केन्द्र पर खाद आपूर्ति होने पर भीड़ बढ़ गई। लम्बी कतार के बीच कृषि अधिकारियों के बीच कतार में खड़े किसानो को ही खाद वितरित किया गया। केन्द्र पर करीब 868 यूरिया खाद की आपूर्ति की गई थी। इस दौरान कृषि पर्यवेक्षक कन्हैयालाल नरूका भी मौजूद थे।

खाद के लिए परेशान किसान
देवली. क्षेत्र में फसलों को खाद की जरूरत है, लेकिन आपूर्ति कम होने से किसान परेशान है। मंगलवार को भी खाद शहर में आने पर लेने के लिए कतार लगी।
किसानों ने सरसों की बुवाई कर दी है। वहीं गेहूं की फसल की बुवाई चल भी रही है, लेकिन किसानों को खाद नहीं मिलने से परेशान है। सिंचाई के साथ यूरिया खाद की जरूरत है। मंगलवार को शहर में एक दुकान पर खाद पाने पर खरीदने को लेकर किसानों की कतार
लग गई।

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