इस दौरान सूरज सैन, दिनेश कुमावत, अनिल शर्मा, सोनू कुमावत, अंकुर कुमावत, शुभम, मन्नू, गज्जू, एडवोकेट सुरेन्द्रकुमार जैन तथा नंदकिशोर माथुर समेत अन्य मौजूद थे। इससे पहले भगवान की आरती कर ५६ भोग की झांकी सजाई गई। इसी प्रकार बंथली में जलझूलनी एकादशी पर भगवान को जलविहार कराने के बाद गढ़ चौक पर महाआरती के बाद भजनों की गंगा में श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूम उठे। इस दौरान भगवान के बालरूप के दर्शन करने को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा।
बद्रीविशाल फ्लेट, घनश्याम झंवर ने बताया कि गढ़ पैलेस पर सभी मंदिरों की झांकियों के सामने स्थानीय कलाकारों की ओर से प्रस्तुत भजनों पर श्रद्धालु देर रात तक झूमते रहे। इससे पहले चारभुजानाथ, राजाप रणछोडऩाथ, जानकीरायजी, सीतारामजी, रामदेवजी सहित एक दर्जन मंदिरों से निकली डोल यात्रा नगर भ्रमण के बाद दूनी सागर किनारे पहुंची। जहां श्रद्धालु डोल के नीचे से निकलने को लालायित हो उठे। सागर में भगवान को जलविहार करवा महाआरती उतारी गई।
क्षेत्र के बंथली, सरोली, जूनिया, देवड़ावास, गैरोली, भरनी, धुवांकला, धुवांखुर्द, चंदवाड़, घाड़, चांदसिंहपुरा, चारनेट सहित कस्बों-गावों में मंदिरों से डोल यात्राएं निकाली व भगवान को जलविहार कराकर महाआरती की। इस मौके पर उपसरपंच जसवंतसिंह शेखावत, राजेश पारीक, यादवेन्द्र सिंह, रमेश रोझ, प्रदीप झंवर, संजय तिवाड़ी, श्यामप्रकाश राजोरा, अतुल पाराशर, अजय मेहरा, दुर्गालाल मेहरा आदि सहित अन्य लोग मौजूद थे।