शाम को मुख्य बाजार में सिंधी मेले की शुरुआत पर शोभायात्रा निकाली गई। स्वामी तुलसीदास के सान्निध्य में आयोजित मेले में टोंक जिले के साथ अहमदाबाद, गुजरात, जयपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर सहित राज्य के अन्य जिलों से भी श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
सुबह ध्वजारोहण के दौरान जय सतनाम से क्षेत्र गुंजायमान हो गया। सिंधी समाज अध्यक्ष गोरधन हिरोनी, खट्टन मनवानी, अहमदाबाद के राम, चंदू, जयपुर के सिंधी समाज अध्यक्ष हरीश असरानी, महादेव गिदवानी, माघवदास बालानी, लोकेश, राजकुमार करनाणी, हेमनदास, दीपू जयसियाराम, ताराचंद कीर्तानी, जयकुमार मनवानी, विजय लखानी आदि श्रद्धालुओं ने मत्था टेका।
स्वामी तुलसीदास ने पल्लव कार्यक्रम शुरू किया। रानी ने सनातन धर्म की स्तृति प्रस्तुत की। दोपहर बाद शोभायात्रा मन्दिर से शुरू हुई। इसमें ‘ते जैको चवंदों झूलेलाल उन्हे जा थिंदा बेड़ा पार’ के स्वरों से बाजार गुंजायमान रहा।
छेज नृत्य पर नाचते मंंडल के युवा व बालिकाओं ने रंग जमाए रखा। शोभायात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए सिंधी कॉलोनी होकर हाउसिंग बोर्ड पहुंची। जहां बहबुदी की प्रार्थना की गई। मेले में सिंधी सभ्यता, संस्कृति तथा स्वामी हुंदलदास के जीवन पर प्रकाश डाला जाएगा।
मोक्ष-रथ गोशाला को भेंट किया
टोंक. शहर के एक व्यवसायी ने कंकाली माता मन्दिर स्थित गांधी गौशाला को मोक्ष-रथ भेंट किया। इससे शहर के दूर-दूर स्थित मोक्षधामों पर मोक्ष-रथ के माध्यम से अन्तिम यात्रा पहुंचने में सुविधा होगी।
ये रथ स्वामी तुलसीदास के सान्निध्य में गिदवानी परिवार की वयोवृद्ध रमेशी देवी ने गौशाला के प्रबंधक मनीष तोषनीवाल, राजेन्द्र पराणा को सुपूर्द की। इस दौरान कमल गिदवानी, महादेव गिदवानी, भोलू गिदवानी, राजू गिदवानी आदि मौजूद थे।