जानकारी अनुसार ईसरदा बांध निर्माण अधिशासी अभियंता एमके जैन बताया बांध निर्माण के लिए सात ड्राइंग मेप केन्द्रीय जल आयोग को भेजे थे, जो स्वीकृत कर लिए गए है। इसके तहत बांध के २८ गेट बनाए जाएंगे। इन प्रत्येक गेट की चौथाई साढ़े 15 मीटर एवं ऊंचाई 13 मीटर होगी। जिले में अभी तक किसी भी बांध में इतने गेट नहीं है। जलभराव के हिसाब से जिले के सबसे बड़े बीसलपुर बांध में 18 गेट है।
वहीं बांध का निर्माण कार्य पूरा होने पर पीपलू मार्ग स्थित गहलोद पुलिया पर करीब आठ फीट पानी भराव रहने की संभावना जताई गई है। हालांकि इस बार भी बीसलपुर बांध से पानी छोड़े जाने की स्थिति में ईसरदा बांध से भी पानी बहेगा।
95.59करोड़ के अवार्ड जारी
प्रथम चरण में 1039.65 करोड़ रुपए से कार्य होना है। इसमें से टोंक व सवाई माधोपुर के विभिन्न गांवों की डूब में आई भूमि के लिए 95.59 करोड़ के अवार्ड जारी किए जा चुके है। एवं 10 करोड़ का भुगतान भी किया जा चुका है। बांध के प्रथम चरण का कार्य दिसम्बर 2021 तक पूरा किया जाना है।
प्रथम चरण में 1039.65 करोड़ रुपए से कार्य होना है। इसमें से टोंक व सवाई माधोपुर के विभिन्न गांवों की डूब में आई भूमि के लिए 95.59 करोड़ के अवार्ड जारी किए जा चुके है। एवं 10 करोड़ का भुगतान भी किया जा चुका है। बांध के प्रथम चरण का कार्य दिसम्बर 2021 तक पूरा किया जाना है।
256 आरएल मीटर भराव क्षमता
प्रथम चरण कार्य पूरा होने पर256आरएल मीटर पानी भरने की क्षमता होगी, जिसमें कुल 3.24टीएमसी पानी आएगा। वहीं बांध निर्माण पूरा होने पर 262आरएल मीटर जल भराव हो सकेगा, जिसमें 10.77टीएमसी पानी आ सकेगा।
प्रथम चरण कार्य पूरा होने पर256आरएल मीटर पानी भरने की क्षमता होगी, जिसमें कुल 3.24टीएमसी पानी आएगा। वहीं बांध निर्माण पूरा होने पर 262आरएल मीटर जल भराव हो सकेगा, जिसमें 10.77टीएमसी पानी आ सकेगा।
लॉक डाउन में करीब40-45 दिन कार्य बंद रहा है। वहीं गत दिनों आए अंधड़ से काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में कार्य प्रभावित हुआ है। बांध निर्माण के लिए सभी सहयोग आवश्यक है। फिर भी समय से पूर्व करने का प्रयास किया जा रहा है।