उपखण्ड अधिकारी डॉ. सूरज सिंह नेगी की पहल पर आपका मत आपका अधिकार-तो क्यों करे इससे इनकार, विषय पर बच्चें अपने अभिभावक, रिश्तेदार, पड़ोसी अथवा अन्य मतदाताओं के नाम पाती लिखेंगे। उन्होंने बताया कि सुबह साढ़े 8 बजे से साढ़े 9 बजे के मध्य आयोजित पाती (पत्र) की अधिकतम शब्द सीमा 500 शब्द होगी। सभी पत्रों का मूल्यांकन दो सदस्यीय निर्णायक मण्डल करेगी।
24 अप्रेल तक घोषित परिणाम में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त विजेता प्रतियोगी को आगामी स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। प्रतियोगिता में संभागी बच्चें की अधिकतम उम्र 18 वर्ष होगी। जिन्हें प्रशस्त्रि पत्र दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि डॉ. नेगी ने देशभर में पाती अपनो को मुहिम चला रखी है। अब तक गुरू की पाती शिष्य को, पिता की पाती संतान को, मां की पाती बेटी के नाम से राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ है।
जिसकी अंतिम तिथि 15 मई है। देशभर के 1000 से अधिक विद्यार्थी अब तक गुरू को पाती लिख चुके है। पाती लेखन के बारे में बात करने नेगी ने बताया कि पत्रों के जरिये अपनी भावनाओं को आसानी से दूसरे तक पहुंचाया जा सकता है
जिसका असर भी अधिक प्रभावकारी होता है। स्कूली बच्चें अपने अभिभावकों को मतदाधिकार का प्रयोग करने के लिए आह्वान करेंगे, तो निश्चित असरकारी होगा।