नगर परिषद शाखा के अस्सिटेंट टाउन प्लानर अनुराग मिश्रा ने बताया कि परिषद क्षेत्र की भूमि में बिना भू रुपांतरण के योजनाएं सृजित कर खरीद-फरोख्त पर लगाम कसने के लिए जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें परिषद सीमा में सभी 11 राजस्व ग्रामों के खसरा सीट का डिजिटाइजेशन करवाया जा चुका है।
मिश्रा ने बताया कि कृषि भूमि पर योजनाएं सृजित करने के लिए खातेदार या कोलोनाइजर को नियमन राशि, बाह्य विकास शुल्क, बीएमयूपी शुल्क एवं लिज डीड शुल्क जमा करवाना अनिवार्य है, जिसमें बिना एग्रीमेंट व रजिस्ट्री आदि भूखण्ड बेचान किया जाना अवैध है। शहर क्षेत्र में कृषि भूमि पर काटी जा रही कॉलोनियों पर हुए निर्माणों को शीघ्र तोड़ परिषद स्वामित्व की भूमि घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी, जिसकी सूची भी तैयार की जाएगी।
बिना नियम की कॉलोनी के स्टॉम्प पर खरीदे गए भूखण्ड नियमानुसार मान्य नहीं है। वहीं विद्युत विभाग एवं जलदाय विभाग को ऐसी कॉलोनियों से हुए कनेक्शन की भी सूचना मांगी गई है, ताकि विद्युत कनेक्शन कटवाने की कार्रवाई करवाई जा सके। अनुराग मिश्रा ने बताया कि शहर में करीब दो दर्जन कृषि भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी काटी जा रही है, जिससे परिषद को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
ऐसे में कमला विहार, आजाद नगर, वृन्दावन विहार, स्वास्तिक नगर, गणपति नगर, मिश्रा कॉलोनी, बिजासन नगर, ताजनगर, आयुष्मान नगर, दीप नगर, करिश्मा कॉलोनी, शुभम कॉलोनी, गणपति प्लाजा, सुदर्शन नगर, रोशन पार्क, बृज विहार विस्तार कॉलोनी काटे जाने वालों को नोटिस जारी किए गए है। मिश्रा ने बताया इनमें से कुछ कोलोनाइजर ने कुछ खसरा नम्बर का नियमन कर करा लोगों को पूरी कॉलोनी ही एप्रुड बता कर बेची जा रही है। ऐसे में परिषद की ओर से कार्रवाई की जा रही है।