कलक्टर ने आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता नेमीचंद पंवार को निर्देश दिए कि फील्ड विजिट के दौरान लोगों की शिकायतों एवं समस्याओं का समाधान किया जाएं। कलक्टर ने यह भी कहा कि कार्य के दौरान सडक़ रिपेयर, मलबा उठाने, सडक़ पर लगाए गए चैम्बर के ऊंचे-नीचे होने, सडक़ का लेवल एक समान होने की आमजन की शिकायतों का गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण करें।
बैठक में शामिल जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को हैण्डपम्प रिपेयर अभियान निरन्तर जारी रखने के लिए निर्देशित किया। साथ ही कहा कि जल वितरण पाइप लाइनों पर अवैध कनेक्शन करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएं।
इसी प्रकार विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि जिले में डीपी, ट्रॉसफार्मर एवं विद्युत मेटेरियल की कमी नहीं होनी चाहिएं। इसका पूर्व में आकलन कर उच्च स्तर पर डिमांड भेजी जाएं।
विद्युत विभाग द्वारा आमजन की शिकायतों के समाधान के लिए टोल फ्री नम्बर, कॉल सेंटर, टेलिफोन नम्बर, व्हॉट्सऐप अथवा एसएमएस नम्बरए मोबाइल ऐप बिजली मित्र का ग्राम पंचायत स्तर तक स्टीकर लगाकर प्रचार-प्रसार किया जाएं। उन्होंने घरेलू एवं कृषि कनेक्शनों के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता दीन मोहम्मद को सडक़ों के किनारे खेत की मिट्टी एकत्रित करने वाले किसानों को मिट्टी हटाने के नोटिस देने के निर्देश दिए, ताकि सडक़ों पर पानी एकत्रित नहीं हो सकें।
टोंक शहर में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाने वाली सडक़ों की प्रगति की समीक्षा की। जिला कलेक्टर ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सम्पर्क पोर्टल पर कोई भी प्रकरण 30 दिन से अधिक पेंडिंग नहीं रहे। बैठक में एडीएम परशुराम धानका, सीईओ देशल दान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।