वहीं मुंशी की ओर से रीडर के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी गई है। पुलिस ने बताया कि ये मुंशी शिवजीलाल जाट है, जो एडवोकेट योगेश व्यास के पास काम करता है। वहीं मारपीट करने वाला रीडर जब्बार मियां है। पुलिस ने बताया कि निवाई में बस स्टैण्ड के पास सडक़ किनारे नाले पर बनी डेढ़ दर्जन से अधिक दुकानों को जिला प्रशासन ने अतिक्रमण में माना और तोडऩे के आदेश दिए थे।
इसके बाद दुकान मालिकों ने इसका वाद जिला मजिस्ट्रेट (कलक्टर) के यहां वाद दायर कर दिया। इसकी सुनवाई चल रही थी। इसमें जिला मजिस्ट्रेट की ओर से परिवादी के अधिवक्ता से कहा गया था कि मामले का निस्तारण जल्द किया जाना है। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में ही दोबारा बहस होगी। ऐसे में रीडर से तारीख ले ली जाए।
इसके चलते अधिवक्ता योगेश व्यास ने मुंशी शिवजीलाल जाट को कलक्टर के रीडर के पास समीप के दिनों की तारीख लेने को भेजा। मुंशी ने बताया कि जब वह तारीख लेने के लिए रीडर जब्बार के पास गया तो वह आगे के दिनों की तारीख देने लगा, लेकिन जब मामले की गम्भीरता को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट तथा अधिवक्ता के बीच हुई वार्ता का हवाला दिया तो भी रीडर नहीं माना।
ऐसे में मुंशी ने अपने अधिवक्ता से रीडर की बात कराने के लिए मोबाइल फोन निकाला तो रीडर जब्बार ने उसके थप्पड़ जड़ दिया। वहीं शर्ट पकड़ कर चैम्बर से बाहर निकाल दिया। इससे मुंशी घबरा गया और वहीं जमीन पर बैठ गया। सूचना के बाद अधिवक्ता रीडर कक्ष में आ गए।
इसके बाद वे मुंशी को कोतवाली थाना ले गए। जहां रीडर जब्बार के खिलाफ मामला दर्ज कराया। वहीं रीडर को सआदत अस्पताल में भर्ती कराया। कोतवाल बीएल मीणा ने बताया मुंशी की ओर से मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
हृदय रोगी है मुंशी
अधिवक्ता योगेश व्यास ने बताया कि छान निवासी शिवजीलाल जाट पंजीकृत मुंशी है। वह कई सालों से न्यायालय में मुंशी का काम कर रहा है। वह हृदय रोगी है। कुछ दिनों पहले ही उसके हृदय का ऑपरेशन भी कराया गया था। ऐसे में जब उसके साथ मारपीट हुई तो वह घबरा गया और अचेत हो गया।
मुंशी खुद की मर्जी से तारीख लेना चाह रहा था। मारपीट का आरोप निराधार है। मौजूद सभी लोगों से पूछा जा सकता है।
जब्बार मियां, रीडर