दो वर्ष पहले टोडारायसिंह में राजकीय महाविद्यालय की स्वीकृति के बाद भवन के अभाव में कस्बे स्थित राउमावि में संचालन शुरू किया गया था, जिसके प्रारम्भिक सत्र में गणित व जीव विज्ञान (बाइलोजी) संकाय तथा इसी शैक्षणिक सत्र से कला संकाय की स्वीकृति जारी की गई थी।
दो कमरों में आरम्भिक सत्र की शुरुआत करने वाले राजकीय महाविद्यालय में तीन संकायों का संचालन होने के बाद वर्तमान में करीब 600 विद्यार्थी है। हालात यह है कि एक कमरे में महाविद्यालय प्रशासनिक गतिविधियां तथा दो अतिरिक्त कमरों में कॉलेज के विद्यार्थियों को पढ़ाना मुश्किल होने से विद्यार्थियों की बार-बार मांग के बाद गत माह कॉलेज को रतवाई तिराहे पर निर्मित नए भवन में स्थानांतरित कर दिया गया ।
लेकिन तीन माह गुजरने के बावजूद भवन की अधूरी चारदीवारी का निर्माण, बिजली कनेक्शन, फर्नीचर, कम्प्यूटर, लेब की सुविधा उपलब्ध कराना तो दूर कला संकाय के संस्कृत व हिन्दी साहित्य के व्याख्याता तथा मंत्रालयिक व चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों को भी नहीं भरा गया। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीवीटी कैमरे की सुविधा भी उपलब्ध नहीं मिल पाई है। जबकि पूर्व में कई बार विद्यार्थियों ने जाम, तालेबंदी व ज्ञापन सौंपकर प्रशासन व राज्य सरकार को अवगत कराया गया है।
छात्रसंघ अध्यक्ष रामराज सैनी व उपाध्यक्ष मनोज सैनी समेत अन्य विद्यार्थियों का कहना है कि समस्याओं को लेकर पूर्व में भी महाविद्यालय प्रशासन व उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन समस्या का स्थाई समाधान तो दूर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसको लेकर विद्यार्थियो में नाराजगी है। स्थिति यह है कि फर्नीचर के अभाव में उन्हें फर्श पर बैठना पड़ रहा है। वहीं कम्प्यूटर व लेब के अभाव में प्रायोगिक कार्यों से महरूम होना पड़ रहा है।
– सहायक आचार्य बने बाबू
राजकीय महाविद्यालय में मंत्रालयिक कार्मिकों की नियुक्ति नहीं होने से आरपीएससी से चयनित सहायक आचार्य अध्यापन के साथ बाबू का कार्य करने को मजबूर है। स्थापन शाखा की जिम्मेदारी निभा रहे सहायक आचार्य राजेश बेनीवाल ने बताया कि कॉलेज में विषय अध्यापन के अलावा उनको मंत्रालयिक विभाग के अनभिज्ञ कार्य भी करने पड़ रहे है।