प्रथम चरण में डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकृत राज्य सरकार के निर्देश पर मत्स्य विभाग ने बीसलपुर बांध पर आने वाले पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए बांध के जल भराव किनारे 2015-16 में रंगीन मछली प्रदर्शनी केंद्र व रंगीन मछली प्रजनन केंद्र भवन के लिए प्रथम चरण में डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकृत करने के साथ ही दोनों ही भवनों का निर्माण कार्य शुरू करवाया था। यह कार्य बीसलपुर बांध परियोजना की ओर से कराया गया था। वर्ष 2018 में भवन का ढांचा तैयार हो चुका था।
लुभाने लगी थी रंगीन मछलियां मत्स्य विभाग की ओर से दूसरे चरण के तहत ढाई करोड रुपए फिर से स्वीकृत कर रंगीन मछली प्रदर्शनी केंद्र में पार्क, झूले, चकरी,लाइट, पौधरोपण, स्विङ्क्षमग पूल , रंगीन मछलियों के लिए कांच के एक्वेरियम आदि तैयार किए गए। इसके बाद वर्ष 2020 में तैयार हुए प्रदर्शनी केंद्र में रंगीन मछलियां पर्यटकों को लुभाने लगी थी। मार्च 2023 में प्रदर्शनी केंद्र बंद कर दिया गया। जो अब तक बंद पड़ा हुआ है।
कीमती सामान हो रहा चोरी पिछले एक वर्ष से धणी धोरी को तरसते रंगीन मछली प्रदर्शनी केंद्र में चौकीदार व रखरखाव के लिए अन्य कार्मिकों के अभाव से आए दिन कीमती सामान भी चोरी हो रहा है। जिसकी जानकारी मत्स्य विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। वहीं रंगीन मछली प्रदर्शनी केंद्र में बने कमरों के अंदर रह रहे मत्स्य संवेदक के कार्मिकों की जानकारी भी विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे सरकार की करोड़ों की सम्पत्ति नष्ट होती जा रही है।
कमरों पर कब्जा, परिसर में गंदगी बीसलपुर बांध के जल भराव किनारे बने रंगीन मछली प्रदर्शनी केंद्र परिसर में पूर्व के एक्वेरियम संवेदक ने नियमों को ताक में रखकर होटल का रूप दे दिया था। वही पीछे की ओर बने प्रजनन भवन पर आधा दर्जन से अधिक कमरों का निर्माण भी करवा दिया गया। इसकी शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रदर्शनी केंद्र बंद होने के बाद उन कमरों पर इन दिनों मत्स्य संवेदक के लोगों ने जमावड़ा डालकर कब्जा जमा लिया है। वही परिसर में आवारा पशुओं के साथ ही शाम ढलते ही समाज कंटकों का जमावड़ा लग जाता है।