वहीं केन्द्र सरकार ने तीन महीनों में लगातार पेट्रोल व डीजल की दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी की है। उन्होंने बताया कि एक मई 2014 को जब भाजपा ने केन्द्र में सत्ता सम्भाली थी तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल पर 3.46 रुपए प्रति लीटर था। पिछले 6 सालों में केन्द्र की भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 23.78 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल पर 28.37 रुपए प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोतरी की है।
इससे का सीधा असर देश के निर्धन और मध्यम वर्गीय परिवार पर पड़ा है। वहीं केन्द्र सरकार ने पिछले साढ़े तीन महीनों में ही डीजल पर मूल्य और उत्पाद शुल्क 26.48 रुपए प्रति लीटर तथा पेट्रोल पर 21.50 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया है। धरने को सुनील बंसल, मोहम्मद अहसान, हंसराज चौधरी, महिला जिलाध्यक्ष जेबा खान, खालिक खान, शिवजीराम मीणा आदि ने सम्बोधित किया।
भाजपा ने की मांग, राज्य सरकार घटाए वैट पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकार की ओर से अधिक लगाए गए वैट को घटाने की मांग भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पराणा ने की है। राजेन्द्र ने बताया कि अलवर व गुडगांव में पेट्रोल डीजल के दामों की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल व डीजल के दाम लगभग 10 रुपए ज्यादा है।
इसी प्रकार श्रीगंगानगर व पंजाब में भी पेट्रोल-डीजल के दामों में 10 रुपए प्रति लीटर का अन्तर है। इसका कारण है कि पंजाब में डीजल व पेट्रोल पर वैट 26 व 16 प्रतिशत है। जबकि राजस्थान सरकार ने वैट 38 व 28 प्रतिशत लगा रखा है। इससे यहां पेट्रोल-डीजल ज्यादा महंगा है। उन्होंने वैट कम करने की मांग की है।