एसीबी ने कांस्टेबल से एसएचओ को कराया था फोन
एसीबी के हत्थे चढ़े कांस्टेबल कैलाश जाट को टीम ने पीपलू एसएचओ विजेंद्र गिल को फोन कराया था और बोला कि कहना कि बजरी वाहनों से 1 लाख 46 हजार 500 रुपए की रकम वसूली गई है। इसे मैं देने के लिए कहां आ जाऊं? इसपर एसएचओ ने कहा था कि मैं कार्टर पर हूं जल्दी से देकर वापस चले जाना। एसीबी की टीम कांस्टेबल कैलाश को लेकर एसएचओ के पास रवाना हुई। तभी किसी ने उसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी उसे दे दी जिसके बाद वे मौके से फरार हो गया। अब एसीबी की टीम उसकी तलाश में लगी है।
एसीबी के हत्थे चढ़े कांस्टेबल कैलाश जाट को टीम ने पीपलू एसएचओ विजेंद्र गिल को फोन कराया था और बोला कि कहना कि बजरी वाहनों से 1 लाख 46 हजार 500 रुपए की रकम वसूली गई है। इसे मैं देने के लिए कहां आ जाऊं? इसपर एसएचओ ने कहा था कि मैं कार्टर पर हूं जल्दी से देकर वापस चले जाना। एसीबी की टीम कांस्टेबल कैलाश को लेकर एसएचओ के पास रवाना हुई। तभी किसी ने उसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी उसे दे दी जिसके बाद वे मौके से फरार हो गया। अब एसीबी की टीम उसकी तलाश में लगी है।
छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक पहुंचती रकम
पूछताछ में कैलाश ने एसीबी को बताया कि हर महीने करीब 40 लाख रुपए की रकम वसूली से एकत्र करता है। घूस की रकम बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों तक में बंटती है। जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल कैलाश चौधरी मार्च 2018 से पीपलू थाने में नियुक्त है। वहीं टोंक पुलिस लाइन से विजेन्द्र गिल को 20 फरवरी को ही पीपलू में थानाधिकारी पद पर लगाया था। गौरतलब है कि टोंक जिले में बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है। यहां से बजरी जयपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, अजमेर पहुंचाई जा रही है। बजरी की कीमत विभिन्न मार्गों पर पड़ रहे थानों के अनुसार बढ़ती जाती है।
पूछताछ में कैलाश ने एसीबी को बताया कि हर महीने करीब 40 लाख रुपए की रकम वसूली से एकत्र करता है। घूस की रकम बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों तक में बंटती है। जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल कैलाश चौधरी मार्च 2018 से पीपलू थाने में नियुक्त है। वहीं टोंक पुलिस लाइन से विजेन्द्र गिल को 20 फरवरी को ही पीपलू में थानाधिकारी पद पर लगाया था। गौरतलब है कि टोंक जिले में बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है। यहां से बजरी जयपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, अजमेर पहुंचाई जा रही है। बजरी की कीमत विभिन्न मार्गों पर पड़ रहे थानों के अनुसार बढ़ती जाती है।
फाइल फोटो