हालांकि उनियारा बीईईओ ने इसे गलती से निकालना बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। उनका कहना था कि मिड-डे-मील प्रभारी से यह गलती हुई है। ऐसे में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उनियारा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी आदेश शिक्षकों के मोबाइल पर वायरल होता रहा। इसमें संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए है कि कुक कम हेल्पर कार्य में लगे ऐसे 40 वर्ष पार लोगों को हटाकर उनके स्थान पर 18 से 40 उम्र के बीच के लोगों को लगाया जाए।
जिससे कि मिडडेमील के साथ अन्नपूर्णा दूध योजना की सफल क्रियान्विति हो सके। आदेश वायरल होने के बाद उनियारा ब्लॉक में लगे 366 कुक कम हेल्परों के माथे पर चिंता की लकीरे खिंच गई।
शिक्षकों का कहना था कि जिले के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की थाली का स्वाद भले दिन प्रतिदिन बदल रहा हो, लेकिन पोषाहार बनाने में जुटे ढाई हजार से अधिक महिलाएं व पुरुष आज भी न्यूनतम मजदूरी को तरस रहे हैं।
अल्प मेहनताने के बावजूद 40 उम्र पार के कर्मियों को हटाने का आदेश तुगलकी फरमान जैसा है। हालांकि विभाग की ओर से ऐसे किसी आदेश के बारे में अभिज्ञता जताई गई। इसमें तनिक भी सच्चाई नहीं है
बीईईओ कार्यालय की ओर से जारी आदेश में सच्चाई नहीं है। मिड-डे-मील प्रभारी रतनलाल के हस्ताक्षर से जारी आदेश गलती से वायरल हुआ है।
इसको लेकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा जाएगा कि यह बात कहां उपजी व इतनी बड़ी गलती कैसे हुई। हालांकि आदेश किसी संस्था प्रधान को भेजा भी नहीं गया है।
विष्णुदत्त शर्मा, एबीईईओ उनियारा।