यह था मामला
एडवोकेट शर्मा ने बताया कि डाबला निवासी आरोपी इंसाफ ने पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूनी निवासी शबाना से 20 सितम्बर 2017 को टोंक में प्रेम विवाह कर लिया। इसके बाद दोनों के परिजन राजी होने पर 23 सितम्बर 2017 को मुस्लिम रीति-रिवाज से उनका निकाह दूनी में सम्पन कराया गया। निकाह करने के बाद आरोपी पत्नी शबाना को गांव डाबला लेकर जाने के बजाय उनियारा, जयपुर, कोटा, सीकर, झुंझनु, बिजोलिया सहित अन्य जगह रखता रहा।
इसके बाद लगे लॉकडाउन के बाद आरोपी इंसाफ पत्नी शबाना को दूनी छोड़ गया। इसके कुछ दिनों बाद फिर शबाना को जयपुर ले गया। जहां कुछ दिनों तक तो सही रहे, लेकिन बाद काम-धंधे के लिए 2 लाख की मांग कर परेशान करने लगा। साथ ही रुपए नहीं लाने पर साथ नहीं रखने की धमकी देने लगा। इस पर शबाना के पिता ने उसे समझाने का प्रयास किया, नहीं मानने पर पिता उसे दूनी लेकर आ गए। इसके कुछ दिन बाद पति सहित अन्य आरोपी उसके घर आए और कहा की तुमने दहेज की मांग पुरी नहीं, इसलिए तलाक दे दिया है। इस पर आरोपी इंसाफ ने तीन बार तलाक बोलकर वहां से चला गया।