सूर्योदय के साथ ही मन्दिर में बाहर श्रद्धालुओं की कतारें लगी। श्री कल्याण मन्दिर ट्रस्ट ने डिग्गी पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर शरद पूर्णिमा के मासिक मेले को देखते हुए सुरक्षा के अतिरिक्त प्रबन्ध किए। जिला कलक्टर के आदेशानुसार किसी भी श्रद्धालु को परिक्रमा की अनुमति नहीं दी गई। मन्दिर की परम्परा के अनुसार श्रीजी को पुजारी जटाशंकर ने शरद पूर्णिमा के दिन से ही सर्दी की सफेद धवल पोशाक धारण कराई गई।
पदयात्रा का ध्वज चढ़ाया
टोंक. श्रीकल्याण पदयात्रा संघ टोंक द्वारा बुधवार को प्रात: ध्वज पूजन कर भूतेश्वर महादेव मन्दिर टोंक से दुपहिया वाहन पर श्रीकल्याण ध्वज यात्रा रवाना हुई। कल्याण यात्रा संघ के भजन लाल सैनी एडवोकेट ने बताया कि शदर पूर्णिमा को भूतेश्वर महादेव मन्दिर से श्रीकल्याण ध्वज दुपहिया यात्रा को पण्डित सुरेश दुबे, पण्डित पवन सागर के सान्निध्य में विधिवत पूजा अर्चना के साथ रवाना किया। सैनी ने बताया कि ध्वज यात्रा सिविल लाइन होकर गहलोद, नाथड़ी, झिराना, लावा होते हुए दोपहर में डिग्गी पहुंची। इस दौरान रास्ते में जगह ध्वज यात्रा का स्वागत किया गया।
ध्वज यात्रा के डिग्गी पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने शरद पूर्णिमा पर श्री जी की मूर्ति को श्वेत धवल पोशाक अर्पण की। इस दौरान पदयात्रा का ध्वज भी चढ़ाया गया। श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण भी किया गया। इस दौरान पदयात्रा समिति से जुड़े व्यापार महासंघ अध्यक्ष मनीष बंसल, कन्हैयालाल चौधरी, दुर्गालाल गोस्वामी, रोहित कुमावत, बालकिशन अग्रवाल, मणिकांत गर्ग, बृजबिहारी शर्मा, रमेश दास सर्राफ, प्रदीप पंवार, दिनेश चौरासिया, हंसराज गाता, रामकिशन काहल्या आदि मौजूद थे।