साथ ही गांव में शोक की लहर छा गई। सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे देवली थानाधिकारी गयासुदीन ने ग्रामीणों के सहयोग से तीनों शवों को कुएं से बाहर निकलवाकर देवली चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाने के साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों ने बताया कि तीनों अलसुबह 5 बजे से घर से गायब थे।
परिजन ने रिश्तेदारों में दूरभाष पर पूछताछ कर रहे थे। तभी खेत पर चारा लेने गए ग्रामीणों को कुएं के अंदर तीनों की चप्पल तैरती हुई नजर आई। उसके बाद ग्रामीणों ने कुएं में हादसा होने की आशंका जताई। शवों की तलाश शुरू की गई तो एक-एक कर तीनों के शव कुएं से बाहर निकाले गए।
थानाधिकारी ने बताया कि रघुनाथपुरा निवासी आशा देवी(30) पत्नी संतकुमार मीणा ने अपने बड़े पुत्र राहुल कुमार(8) व छोटे पुत्र सागर मल (7) के साथ कुएं में कूद कर जान दे दी है। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का माना जा रहा है, जिसकी जांच की जा रही है। तीनों की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया।
मृतका का पति संतकुमार अहमदाबाद से दिल्ली की ओर ट्रक चालक का कार्य करता था, जो पिछले कुछ दिनों से घर पर ही था। ग्रामीणों ने तीनों की मौत को संदिग्ध मानते हुए पुलिस मामले की जांच की मांग की है।
गांव में तीसरा हादसा
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सडक़ व रास्तों पर लगभग एक दर्जन अधिक कुएं बिना मुण्डेर के है। गांव में यह तीसरा बड़ा हादसा है। इससे पूर्व 2002 में गांव के ही नोरत मल मीणा(34) व उसकी पत्नी संतोष मीणा (31) ने घर के पास बने कुएं में कूदकर जान दे दी थी।
वहीं 1999 में 50 वर्षिय जगदीश मीणा की कुएं में गिरने से मौत हो गई थी। इसी प्रकार गत एक सप्ताह पूर्व गांव के मुख्य मार्ग किनारे बने कुएं पर रात के अंधेरे में ट्रक गिर गया था, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया था।