तुर्किया सरपंच नीतेश मीणा ने बताया कि पांच दिन पूर्व गांव तुर्किया में हंसराज मीणा(20) पुत्र कजोड़ मीणा की बौंली क्षेत्र में सडक़ हादसे में मौत हो गई थी और वह अपने पिता का इकलौता पुत्र था। मृतक की अस्थि विसर्जन के लिए एक गाड़ी में सवार परिवार के 11 लोग गुरुवार सुबह सौरोजी पहुंचे। जहां हेमराज (24)पुत्र फैलीराम मीणा मृतक चचेरे भाई हंसराज का रीति रिवाज के अनुसार गंगा नदी में अस्थि विसर्जन कर रहा था। इसी दौरान उसका पैर फिसलने से बहाव में बहकर डूब गया। हेमराज के चिल्लाने की आवाज सुनकर साथ गए परिवार के सभी लोग चिल्लाने लगे। गंगा नदी पर तैनात पुलिसकर्मियों को परिवार जनों ने घटना के बारे में अवगत कराया। इसके बाद पुलिस ने गोताखोरों को बुलवाया।
गोताखोर नाव लेकर नदी में बहे हेमराज की तलाश में जुट गए, लेकिन दो-तीन घंटे बाद भी हेमराज का कोई पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस ने और गोताखोरों को बुलाया और गोताखोरों की चार-पांच टीमों ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाकर हेमराज की तलाश में जुट गए, हेमराज के इंतजार में गंगा नदी के तट पर खड़े परिवार के लोगों का सब्र टूट गया और उन्होंने गांव तुर्किया में परिजनों को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद परिवार के लोगों का रो रोकर बुरा हाल हो गया। सरपंच ने बताया कि अस्थि विसर्जन के दौरान डूबे हेमराज के नहीं मिलने की खबर के बाद गांव तुर्किया से दो गाडिय़ों में सवार होकर परिवार, रिश्तेदार तथा कुछ ग्रामीण सौरोजी के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि अस्थि विसर्जन के दौरान गंगा नदी में बहे हेमराज मीणा को ढूंढने में गोताखोरों की पांच टीम ने नदी सर्च ऑपरेशन जारी रखा। करीब आठ घंटे बाद करीब आठ किलोमीटर दूर हेमराज का शव मिला, जिसे गोताखोर नदी के तट पर लाए। शव को देखकर साथ गए परिजनों का सब्र टूट गया और विलाप करने लगे। (ए.सं.)
उप स्वास्थ्य केन्द्र में कराया उपचार सौरोजी से सभी लोग शुक्रवार अलसुबह गांव तुर्किया पहुंचते ही मृतक हेमराज के माता-पिता व चाचा चाची सहित अन्य परिजन बेहोश हो गए। इस पर उन्हें ग्रामीण उप स्वास्थ्य केन्द्र लेकर गए। जहां करीब आधे घंटे बाद उन्हें होश आया। सरपंच ने बताया ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने हेमराज के अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्थाएं कर शवयात्रा निकाली। इस दौरान पूरा गांव ही उमड गया।सरपंच ने बताया कि मृतक हेमराज की मां कल्याणी, पिता फैलीराम, चाचा कजोड मीणा, चाची बच्ची देवी, भाभी सफेदी बार बार बेहोश हो रहे है, जिनका उप स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार किया जा रहा है।
नहीं थम रहे आंसू
अस्थि विसर्जन के दौरान 24 वर्षीय पुत्र की मौत के बाद उसकी मां कल्याणी और पिता फैलीराम के आंसू थम नहीं रहे है। हर कोई ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहा है। हेमराज की मृत्यु के बाद उसके बड़े भाई बेसुध है और विलाप करता हुआ बोल रहा है कि मेरा तो हाथ की टूट गया।
अस्थि विसर्जन के दौरान 24 वर्षीय पुत्र की मौत के बाद उसकी मां कल्याणी और पिता फैलीराम के आंसू थम नहीं रहे है। हर कोई ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहा है। हेमराज की मृत्यु के बाद उसके बड़े भाई बेसुध है और विलाप करता हुआ बोल रहा है कि मेरा तो हाथ की टूट गया।
दोनों ही एक साथ चले गए: हंसराज और हेमराज चचेरे भाई थे। अक्सर दोस्तों की तरह साथ रहते थे। दोनों को एक देखने पर लोग उन्हें जुड़वा भाई ही समझते थे। दोनों ही अलग-अलग हादसे का शिकार होकर साथ
चले गए।
डेढ़ वर्ष मलेशिया में किया काम
सरपंच नितेश मीणा ने बताया कि हेमराज वर्ष 2017 में मलेशिया में किसी जहाज पर काम करता था और वीडियो कॉल के जरिए लोगों को जहाज दिखाया करता था। मलेशिया से आने बाद हेमराज वापस नहीं जाकर अपने भाई के साथ खेती करने लग गया।
चले गए।
डेढ़ वर्ष मलेशिया में किया काम
सरपंच नितेश मीणा ने बताया कि हेमराज वर्ष 2017 में मलेशिया में किसी जहाज पर काम करता था और वीडियो कॉल के जरिए लोगों को जहाज दिखाया करता था। मलेशिया से आने बाद हेमराज वापस नहीं जाकर अपने भाई के साथ खेती करने लग गया।