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सिचांई के लिए बीसलपुर बांध से पानी देने की मांग, किसानों ने जिला कलक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

locationटोंकPublished: Sep 29, 2020 07:25:08 pm

Submitted by:

pawan sharma

सिचांई के लिए बीसलपुर बांध से पानी देने की मांग, किसानों ने जिला कलक्ट्रेट में किया प्रदर्शन
 

सिचांई के लिए बीसलपुर बांध से पानी देने की मांग, किसानों ने  जिला कलक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

सिचांई के लिए बीसलपुर बांध से पानी देने की मांग, किसानों ने जिला कलक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

टोंक. जिले में कमजोर रहे मानसून ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कम बरसात होने से सिचाई के बड़े स्त्रोत बीसलपुर बांध में गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पानी की आवक कम ही हुई है। फसलों में सिंचाई के लिस काम आने वाले कई बांध व तालाब रीते ही रह गए है। ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए पानी की चिंता अभी से ही सताने लगी है।
इसी को लेकर मंगलवार को किसानों ने भारतीय किसान संघ की अगुवाई में जिला कलक्ट्रेट में बीसलपुर बांध की नहरों ,माईनरों एवं धोरों की मरमत व सफाई किये जाने तथा दीपावली तक बांध की दोनों नहरों से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर किया। साथ ही किसानों ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया हैं कि यदि सिंचाई के लिए पानी नही छोड़ा तो किसान सडक़ों पर उतरेंगे।
भारतीय किसान संघ टोंक के जिलाध्यक्ष पोखरलाल जाट,टोंक तहसील अध्यक्ष रामसहाय यादव एवं किसान महाप चायत के प्रदेश मन्त्री रतन खोखर की अगुवाई में जिला कलक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने नारेबाजी की साथ ही धरने पर बैठ गए । बाद में अतिरिक्त जिला कलक्टर सुखराम खोखर को ज्ञापन दिया जिसमें लिखा हैं कि जिले में मानसून कमजोर होने से सिंचाई के छोटे बांध एवं तालाबों में पानी की आवक नही हो पाई जिससे बीसलपुर बांध के कमाण्ड क्षैत्र में रबी की फसल की सिंचाई व बुआई के लिए एवं पेयजल का गंभीर संकट हो गया।
जिलाध्यक्ष पोखरलाल जाट ने बताया कि बीसलपुर बांध में 16 टीएमसी पानी पेयजल के लिए आरक्षित हैं वहीं 8 टीएमसी पानी दोनों नहरों से सिंचाई के लिए रिजर्व हैं। जाट का कहना हैं कि किसानों को उनके हिस्से का सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जावें। जब कि दूसरी तरफ बीसलपुर बांध परियोजना के अधीक्षण अभियंता आरएस कटारा का कहना हैं कि बीसलपुर बांध में पिछले साल की अपेक्षा अभी तक पानी काफी कम हैं जिस कारण पहली प्राथमिकता पेयजल हैं। राज्य सरकार को पूरी जानकारी भेजी जा चुकी हैं अब सिंचाई के लिए पानी दिये जाने का निर्णय राज्य सरकार को ही करना हैं।
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