स्थिति यह कि खेतों में बोई गई फसलों को लेकर किसानो को सिंचाई के पानी की आवश्यकता बढ़ गई है। परियोजना के तहत समय पर सफाई व मरम्मत कार्य पूरा नहीं होने पर पानी देरी से छोड़ा जाएगा या क्षतिग्रस्त नहरों में पानी छोडऩे की स्थिति में किसान व परियोजना विभाग दोनों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने नहरो की शीघ्र सफाई व मरम्मत कार्य करवां कर आपूर्ति करवाने की मांग की है।
नहरों की अधूरी सफाई से किसानों में रोष
बनेठा. गलवा बांध की नहर एवं वितरिकाओं की सफाई पूर्ण रूप से नहीं करवाए जाने को लेकर टेल क्षेत्र के किसानों में रोष व्याप्त है। किसान महापंचायत छात्र संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चौधरी ने बताया कि जलसंसाधन विभाग द्वारा टेल स्थित नहरों की सफाई के दौरान ठेकेदार द्वारा सफाई सही ढंग से नहीं करने के कारण सफाई के बाद भी नहरों में कूड़ा करकट जमा हुआ है।
साथ ही नहरों के दोनों किनारों पर पेड़ पौधे उगे हुए है, जिससे टेल स्थित कृषि भूमि पर नहर छूटने के बाद पानी सही गति से आगे नहीं पहुंच पाएगा। किसानों ने बताया कि श्रीपुरा से लेकर पावाडेरा तक नहर सफाई का कार्य ठेकेदार द्वारा अपनी मनमर्जी से ही किया जा रहा है। ठेकेदार के कार्य की विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई मोनेट्रिंग नहीं की जा रही है, जिससे किसानों में रोष व्याप्त है।
माइनरों की मरम्मत कार्य शुरू उनियारा. उपखण्ड क्षेत्र के गलवा बांध से किसानों की रबी की फसलों की सिंचाई को लेकर नहरों एवं माइनरों की मरम्मत एवं सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियन्ता गजानन्द सामरियां ने बताया कि अविृष्टि से बांध का नहरी तंत्र भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया।
विभाग ने बांध के कमाण्ड क्षेत्र के किसानों की रबी की फसल की सिंचाई को लेकर नहरों की मरम्मत एवं सफाई के लिए समय से कार्य योजना तैयार कर बजट उपलब्ध करवाने के लिए उच्चाधिकारियों को भेजा जहां से 19 कार्यों के लिए स्वीकृति जारी की गई। उन्होंने बताया कि स्वीकृति आने पर निविदाएं आमंत्रित कर सम्बन्धित ठेकेदारों को कार्यादेश जारी कर दिए गए। साथ ही उनकी बैठक लेकर उन्हें अविलम्ब कार्य कर शीघ्र निपटाने के निर्देश भी दिए गए।